रायपुर06 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। पूरे देश में अभी महंगाई के मामले में सबसे ज्यादा चर्चा टमाटर की है, और इसी महंगे टमाटर ने छत्तीसगढ़ में किसानों को बड़ा फायदा दिया है। दक्षिण भारत में धुआंधार बारिश के कारण टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा, इस वजह से देश में टमाटर लाल हो गया।
छत्तीसगढ़ में भी 20 दिन पहले तक टमाटर 70-80 रुपए किलो बिका, लेकिन रेट तेजी से घटते हुए अब चिल्हर बाजार में 40 रुपए किलो (कस्बाई बाजारों में 30-35 रुपए) तक भी उतर गए हैं और व्यापारियों के मुताबिक अभी देश में सबसे सस्ता टमाटर बंपर लोकल आवक की वजह से छत्तीसगढ़ में ही है। सिर्फ सस्ता ही नहीं, यहां के किसान इस बार अपने उत्पादन का 80 फीसदी टमाटर निर्यात कर रहे हैं। किसानों और कारोबारियों का मानना है कि इस बार एक एकड़ खेत से टमाटर 4-5 लाख रुपए तक का मुनाफा दिला सकता है। वह भी तब, जब यहां के किसान दूसरे राज्यों की तुलना में कम कीमत पर टमाटर निर्यात कर रहे हैं।
प्रदेश में इस साल लगभग 62 हजार हेक्टेयर में टमाटर लगाया गया है। सालाना उत्पादन लगभग 11 लाख टन का है। इस बार 50 हजार से एक लाख टन तक ज्यादा उत्पादन हो सकता है। इस साल तूफान और बारिश के कारण अन्य राज्यों में टमाटर की फसलें काफी खराब हुई हैं। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में फसल अच्छी होने के साथ ही दूसरे राज्यों से मांग भी बढ़ी है। किसानों के मुताबिक अक्टूबर-नवंबर में प्रदेश के सब्जी बाजार जिस बेंगलुरू के टमाटर का ही सहारा होता था, वहां भी इस साल छत्तीसगढ़ से टमाटर जा रहा है। सर्वाधिक सप्लाई दक्षिण भारत के राज्यों में है। टमाटर उत्तरप्रदेश भी जा रहा है, हालांकि वहां डिमांड कम है।
दुर्ग में 9 के बजाय 12 हजार हेक्टेयर में टमाटर की खेती
बताया गया है कि इस साल अकेले दुर्ग जिले में ही 12 से 15 हजार हेक्टेयर में टमाटर की खेती की जा रही है। वहीं जशपुर- सरगुजा में पांच-पांच हजार, रायपुर और कोंडागांव में चार-चार हजार से ज्यादा एकड़ में टमाटर की खेती हो रही है। वहीं भाटापार, बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, बिलासपुर के अलावा लगभग सभी जिलों में टमाटर का खेती की जाती है।
पिछले दिसंबर में 18 से 20 रुपए किलो बिका था
धमधा के किसान जालम सिंह पटेल के मुताबिक पिछले साल दिसंबर तक टमाटर की कीमत 18 से 20 रुपए किलो तक पहुंच गई थी। इस साल दूसरे राज्यों में मांग के कारण रेट दोगुना मिल रहा है। जनवरी-फरवरी के बाद टमाटर फेंकने की नौबत आती थी, लेकिन इस बार ऐसी नौबत नहीं आएगी क्योंकि अधिकांश टमाटर निर्यात हो चुका होगा। इसके बाद बचे टमाटर राज्य की डिमांड पूरी कर देगा।
अचानक डिमांड से किसानों को ही ज्यादा मुनाफा
थोक सब्जी व्यापारी संघ के अध्यक्ष टी श्रीनिवास रेड्डी ने साफ किया कि इस बार टमाटर के मामले में व्यापारियों से ज्यादा मुनाफा किसानों को मिल रहा है। इसकी एकमात्र वजह देशभर से टमाटर की अचानक आई डिमांड है। रेड्डी के मुताबिक यह सिलसिला पूरे महीने चलेगा और दिसंबर अंत तक भी यहां टमाटर की कीमत 20-25 रुपए किलो से कम नहीं होगी..
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