नागालैंड फायरिंग पर विपक्ष का संसद में हंगामा, खड़गे बोले- अमित शाह सिर्फ पीड़ा व्यक्त करके नहीं छुड़ा सकते पीछा

भारत-म्यांमार सीमा के पास नागालैंड के मोन जिले में सैन्य गोलीबारी में 14 नागरिकों और एक सैनिक के मारे जाने के बाद विपक्ष ने रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा. विपक्ष ने सरकार से घटना की सच्चाई को सामने लाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ‘ईमानदार और खुली’ जांच कराने की मांग की. शीतकालीन सत्र के 5वें दिन संसद में भी विपक्ष ने सरकार से पूरे घटनाक्रम पर बयान जारी करने की मांग की.

राहुल गांधी ने कहा, ‘यह दिल दहला देने वाली घटना है. भारत सरकार को जवाब देना चाहिए. देश में न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षित हैं? फिर गृह मंत्रालय क्या कर रहा है.’ वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह केवल पीड़ा व्यक्त करके इस घटना से पीछा नहीं छुड़ा सकते. उन्होंने कहा, मोदी सरकार के शासन में, उत्तर-पूर्व में उथल-पुथल में वृद्धि देखी गई है. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़ितों को न्याय मिले.

विपक्ष ने कहा- हमें उम्मीद, सच्चाई सामने आएगी

एक ईमानदार और खुली जांच का आह्वान करते हुए, राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को संसद में इस घटनाक्रम पर बयान देना चाहिए. हालांकि, इसके बाद विपक्ष ने मामले पर हंगामा किया जिसके कारण राज्यसभा को दो घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया. आनंद शर्मा ने कहा, यह दुखद और खेदजनक है. ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था. लोकतंत्र में यह अस्वीकार्य है. बहुत मुश्किल से हमने इस क्षेत्र में शांति बहाल की है. मुझे उम्मीद है कि सेना द्वारा आश्वासन के अनुसार उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और सच्चाई सामने आएगी.

टीएमसी और लेफ्ट पार्टियों ने भी की न्याय की मांग

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार को ‘घटना की गहन जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीड़ितों को न्याय मिले.’ वहीं, माकपा ने 14 नागरिकों की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों के लिए मुआवजे और न्याय की मांग की.

नागालैंड सरकार ने मोन जिले में सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी में मारे गए 14 लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. साथ ही सरकार ने घटना की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी ऐलान किया है.

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