बेमौसम बारिश से अंगूर के बागों का बड़े पैमाने पर नुकसान, किसानों ने की मुआवजे की मांग…

बेमौसम बारिश की वजह से महाराष्ट्र में फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान (Crop loss) हुआ है. राज्य में हुई चार दिन की बेमौसम बारिश के कारण प्याज और कपास सहित कई फसलें बर्बाद हो गई हैं. लेकिन सबसे ज्यादा तबाही अंगूर की खेती की हुई है. बारिश के कारण राज्य में 10,639 हेक्टेयर अंगूर के बाग क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बारिश के कारण न सिर्फ अंगूर बल्कि प्याज, ज्वार, चना और सब्जियों सहित अन्य कई फसलों को 50 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हो चुका है.
किसानों का कहना है कि अगस्त और सितंबर की अति बारिश और बाढ़ से वो अभी संभले भी नहीं थे कि अब दिसंबर की बेमौसमी बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. पूरी लागत डूब गई है. लाखों का नुकसान हुआ है. अंगूर उत्पादक किसानों से सरकार ने मुआवजे की मांग की है. इस बेमौसम बारिश के कारण फल उत्पादकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

कितनी बड़ी आर्थिक क्षति
अंगूर की खेती (Grapes farming) का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. इस नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट शनिवार को कृषि विभाग ने राज्य सरकार को सौंपी. हालांकि, अंगूर के बागों को हुए नुकसान का निर्धारण प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान है कि नुकसान लगभग 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ होगा.

तैयार अंगूर के बाग पानी में हुए तबाह
अंगूर के बाग अब अंतिम चरण में थे. कई हिस्सों में छंटाई का काम चल रहा था. बागों में पूरी तरह से अंगूर तैयार हो चुके थे. किसान जल्द ही बाजारों में अंगूर बेचने वाले थे. लेकिन बारिश ने सब तबाह कर दिया है. अंगूर के बाग पूरी तरह से पानी डूब गए हैं. जिसकी वजह से उपज खराब हो चुकी है. पिछले 15 दिनों में बारिश ने फूलों के बागों को नुकसान पहुंचाया है. इससे फूल न आना और फल न लगने जैसी समस्याएं पैदा हो गई हैं. वहीं डाउनी फफूंदी जैसे रोगों का प्रकोप भी बढ़ रहा है.

प्रदेश में 4 लाख एकड़ में अंगूर के बाग
महाराष्ट्र में किसान पारंपरिक फसलों से अधिक बागवानी पर फोकस कर रहे हैं. समय के साथ उत्पादन बढ़ाने के लिहाज से किसान अब बागों पर ध्यान दे रहे थे. इसलिए सीमित क्षेत्रों में उगाए जाने वाले अंगूर का उत्पादन अब पूरे राज्य में हो रहा है. यह प्रति एकड़ औसतन 12 टन उपज देता है. अच्छी कमाई वाली फसल है. चार लाख हेक्टेयर पर बागों के माध्यम से सालाना कारोबार लगभग 20,000 करोड़ रुपये का है. लेकिन इस साल कारोबार आधा हो गया है.

अब सब कुछ अच्छे रेट पर निर्भर करता है. अच्छा रेट मिलेगा तभी किसानों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई हो पाएगी. महाराष्ट्र में करीबन 4 लाख एकड़ का अंगूर की खेती का क्षेत्र है. पूरे देश से जितना अंगूर एक्सपोर्ट होता है, उसमें 90 प्रतिशत एक्सपोर्ट महाराष्ट्र से होता है. ऐसे में इस बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान यहां के किसानों को हो रहा है.

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