दिल्ली पुलिस (Delhi Police Crime Branch) ने राजधानी में सेक्सटॉर्शन-हनीट्रैप (Sextortion Honeytrap in Delhi) के एक बड़े रैकेट का भांडाफोड़ किया है. इस सिलसिले में पुलिस ने धंधेबाज गिरोह के मुखिया को गिरफ्तार किया है. गैंग में शामिल कुछ दलालों और लड़कियों की तलाश में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में छापामारी जारी है, लड़कियां शिकार को फेसबुक के जरिए जाल में फांसती थीं. उसके बाद गिरोह के सदस्य लड़कियों के द्वारा ही जाल में फंसे शख्स को अपने अड्डे पर दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में बुलाते थे.
पश्चिम विहार इलाके में लड़कियां (Call Girl) जिस कमरे पर शिकार को हलाल करने के लिए बुलाती थीं. वो कमरा लड़कियों और दलालों ने किराए पर लिया हुआ था. जैसे ही शिकार कमरे पर लड़कियों के साथ रंगरेलियां मनाने पहुंचा. वहां चोरी छिपे पहले से लगाए गए खुफिया कैमरों में कमरे के भीतर का हाल रिकार्ड कर लिया जाता था. लड़की और ग्राहक (जाल में फंसा शिकार) कमरे के अंदर होते. तभी पहले से ही कमरे के आसपास छिपे खड़े लड़कियों के साथी दलाल मौके पर पहुंच जाते.
फर्जी पुलिस असली दलालों का बुना जाल
यह पुरुष दलाल खुद को पुलिस वाला बताते थे. गिरोह के जाल में फंसे शख्स को मजबूर करके ब्लैकमेल (Sextortion blackmailing) करने का धंधा यहीं से शुरु हो जाता था. शिकार को उसकी ब्लू फिल्म दिखाकर समाज में बेइज्जती होने का झांसा देकर डराया धमकाया जाता. उस हद तक जब तक कि ग्राहक खुद ही उस नकली पुलिस और लड़कियों के आगे अपनी इज्जत बचाने की दुहाई देकर न गिड़गिड़ाने लगता. इसके बाद लड़कियां ही शिकार से ‘डील’ शुरू कर देतीं. कहतीं के 5 से 10 लाख रूपए पुलिस वालों को देकर मामला रफा-दफा हो सकता है.
वसूली जाने वाली रकम लाखों में होती
इसके बाद जहां पर भी शिकार से और जितने भी रुपए में सौदा तय हो पाता. लड़कियां और फर्जी पुलिस वाले बने असली दलालों के बीच ग्राहक से वसूली जाने वाली रकम तय हो जाती थी. यह रकम डेढ़ से दो तीन लाख रुपए तक तो होती ही थी. गिरफ्तार गिरोह सरगना नीरज ने इन तमाम सनसनीखेज तथ्यों का खुलासा पुलिस पूछताछ में किया है. नीरज हरियाणा के बहादुरगढ़ का रहने वाला है. उसने कबूला कि जिस शिकार की शिकायत पर गिरोह का भांडा फूटा है यह गिरोह, उससे तीन लाख रुपए में डील फिक्स कर चुका था. इन तीन में से डेढ़ लाख रुपए गैंग के सदस्यों ने सीधे बैंक एकाउंट में ही ट्रांसफर करवा लिए थे.
भांडाफोड़ के लिए बनी थी विशेष टीम
सेक्सटॉर्शन रैकेट के सरगना नीरज को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने प्रशांत विहार इलाके में सेक्टर-14 में स्थित पीवीआर सिनेमा के पास से गिरफ्तार किया. इसके लिए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एसीपी अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर विजय समारिया, सब इंस्पेक्टर सीताराम, सब इंस्पेक्टर मनीष, सहायक उप निरीक्षक सुरेंद्र दहिया, लाल सिंह, हवलदार दिनेश राणा, नीरज, सिपाही सत्य प्रकाश व अजय की टीमें बनाई गई थीं. इन तमाम तथ्यों की पुष्टि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एडिश्नल पुलिस कमिश्नर धीरज कुमार ने की.
पिक्चर अभी बाकी है….
हनीट्रैप गैंग के कब्जे से पुलिस को कुछ और भी ब्लू फिल्में मिली हैं. माना जा रहा है कि यह वे आपत्तिजनक वीडियो हैं जिनसे या तो गैंग की अभी डील होनी थी. या फिर इन वीडियो के बलबूते गैंग में शामिल कॉलगर्ल्स और उनके दलाल, शिकार से मोटी रकम ऐंठ-वसूल चुके होंगे.
एडिश्नल पुलिस कमिश्नर के मुताबिक. “इस गिरोह में फिलहाल लड़कियों सहित 5 लोगों के शामिल होने की पुष्टि हुई है.
गिरफ्तार सरगना नीरज के अलावा बाकी फरार ब्लैकमेलर्स की गिरफ्तारी के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में छापेमारी जारी है. पता किया जा रहा है कि अब तक इस गैंग ने और कितने लोगों को शिकार बनाकर उनसे कितनी रकम ऐंठी है, ताकि ऐसे पीड़ितों को तलाश कर इस मुकदमे में अन्य वारदातों को भी शामिल किया जा सके.” पुलिस को जाल में फंसे ग्राहक की वीडियो चोरी छिपे बनाने के लिए रखे गए, एक गुप्त-खुफिया कैमरा भी इस गैंग सरगना के कब्जे से मिला है.
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