रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने आज एक फिनटेक इवेंट में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन को लेकर बातचीत की. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो के मुकाबले ब्लॉकचेन बहुत अलग टेक्नोलॉजी है. IFSCA द्वारा आयोजित इनफिनिटी फोरम में इंटरव्यू के दौरान मुकेश अंबानी ने कहा, ”ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें मैं भरोसा करता हूं. ये क्रिप्टो से बहुत अलग है.” उन्होंने कहा कि यहां ऐसे स्मार्ट टोकन हैं जो सुनिश्चित करते हैं कि आप ऐसे लेनदेन कर रहे हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता है. जबकि यह कहते हुए कि वह वास्तविक समय में विश्वास करते हैं और वास्तविक समय में सब कुछ बदल जाएगा.
मुकेश अंबानी ने कहा, “ब्लॉकचेन की मदद से हम लगभग किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए जबरदस्त सुरक्षा, विश्वास, स्वचालन और दक्षता प्रदान कर सकते हैं.” बताते चलें कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई मिलकर काम कर रहे हैं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास उन लोगों में से ही हैं, जो मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी के मुकाबले ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ज्यादा मजबूत है जो करेंसी के बिना भी मौजूद रह सकती है.
सप्लाई चेन को आधुनिक बनाने के लिए किया जा सकता है ब्लॉकचेन का उपयोग
मुकेश अंबानी ने यहां कहा, “ब्लॉकचेन का उपयोग हमारी सप्लाई चेन को आधुनिक बनाने के लिए किया जा सकता है जो हमारी अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा बनाते हैं.” उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी ने अगले स्तर के फाइनेंशियल इनोवेशन के लिए शानदार मौके प्रदान किए हैं.
उन्होंने कहा, “ब्लॉकचैन ने आज एनएफटी की एक पूरी नई अवधारणा बनाई है. टेक्नोलॉजी वास्तविक समय के लेनदेन और निपटान को सक्षम कर सकती है, सभी लेनदेन की प्रामाणिक डिजिटल रिकॉर्डिंग- भूमि, संपत्ति, सोना और अन्य प्रकार की संपत्ति का डिजिटलकरण स्वामित्व रखती है. ई-कॉमर्स क्षेत्र में, हमें लाखों व्यापारियों की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अभिनव समाधानों की आवश्यकता होगी, जबकि उनके क्रेडिट स्कोर को वास्तविक समय में प्रबंधित करना होगा.”
आखिर क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
ब्लॉकचेन को आसान भाषा में ऐसे समझें कि ये कई सारे ब्लॉक की एक चेन होती है और हर एक ब्लॉक में कई सारे महत्वपूर्ण डेटाबेस इकट्ठे किए जाते हैं. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उद्देश्य ही ये है कि डिजिटल डेटा को रिकॉर्ड करके उसे सुरक्षित रखना और इसी के जरिए आसानी से लोगों तक पहुंचाना. जिससे एक ही समय, अलग-अलग जगह बैठे कई लोग इसका इस्तेमाल कर सकें.
ब्लॉकचेन की एक खास बात ये है कि इसमें एक बार जो डेटा रिकॉर्ड कर लिया जाता है, उसे बदला नहीं जा सकता. ब्लॉकचेन पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड होती है, जिसकी वजह से इसे कोई एक व्यक्ति या संस्था कंट्रोल नहीं कर सकती है. यही वजह है कि इसमें फ्रॉड करने के चांस न के बराबर होते हैं. बताते चलें कि जब एक ब्लॉक में काफी डेटा इकट्ठा हो जाता है तो ये अगले ब्लॉक में इकट्ठा होने लगती है और ऐसे ही ब्लॉक की चेन बनती चली जाती है.
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