कल टकराएगा Cyclone Jawad, जानें भारत में आए अब तक 7 सबसे खतरनाक तूफान…

कोरोना संकट के बीच देश में एक और चक्रवात दस्तक देने जा रहा है. बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र तेज होकर चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ में बदल सकता है और इसके कल शनिवार सुबह उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों से टकराने की संभावना है. चक्रवात को लेकर सभी तरह की तैयारी पूरी की जा चुकी है.

आंध्र प्रदेश में चक्रवात जवाद (Cyclone Jawad) के कहर को देखते हुए विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है. इन जिलों के स्कूल आज और कल यानी 3 दिसंबर और 4 दिसंबर को बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सभी प्रभावित जिलों श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम में ऐहतियाती कदम उठाने को कहा है.

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चक्रवाती तूफान के शनिवार सुबह तक उत्तर आंध्र प्रदेश-ओडिशा तट तक पहुंचने की संभावना जताई है. चक्रवात की वजह से ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी से बेहद भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है. चक्रवात के खतरे को लेकर प्रशासन लगातार मुस्तैद है. जानते हैं देश में अब तक के खतरनाक चक्रवात तूफान के बारे में.

1. 1999 का खतरनाक सुपर साइक्लोन

भारत में आए सबसे ज्यादा खतरनाक तूफानों में से एक तूफान है सुपर साइक्लोन जिसे ओडिशा साइक्लोन (Odisha cyclone) के नाम से भी जाना जाता है. यह तूफान 1999 में आया था. इस साइक्लोन ने भारत में जमकर तबाही मचाई थी. 25 अक्टूबर, 1999 को अंडमान सागर से उठे सुपर साइक्लोन की रफ्तार करीब 260 किमी प्रति घंटे की थी.

सुपर साइक्लोन ने सबसे ज्यादा तबाही ओडिशा में मचाई थी. तूफान की वजह से 18 लाख से ज्यादा मकान ध्वस्त हो गए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ओडिशा में सुपर साइक्लोन की वजह से 9,887 लोग मारे गए. राज्य के जगतसिंहपुर में अकेले 8 हजार से ज्यादा लोग मारे गए. हालांकि कहा जाता है कि इससे अधिक संख्या में लोग मारे गए थे. एक अनुमान के मुताबिक इस तूफान की वजह से लगभग 3,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. भारत के अलावा पड़ोसी देशों म्यांमार और बांग्लादेश के अलावा थाइलैंड में भी इस तूफान का असर पड़ा था. तूफान से मची तबाही को देखते हुए दुनिया के कई देशों ने मदद भी की थी.

2. इसी साल मई में आया था साइक्लोन ताउते

खतरनाक चक्रवात ताउते (Cyclone Tauktae) भी देश में आए खतरनाक तूफानों में गिना जाता है. इस तूफान ने महाराष्ट्र और गुजरात में अपना जबर्दस्त कहर बरपाया था. यह तूफान इसी साल 14 मई को आया था. तूफान की गति 220 किलो प्रति घंटा के करीब थी. तूफान में 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि बड़ी संख्या में लोग गायब हो गए. ऐसा अनुमान लगाया गया कि इस तूफान से 15 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ. तूफान का असर इतना व्यापक रहा था कि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के कई शहरों में असर दिखा और तेज बारिश हुई थी.

3. 2014 का खतरनाक साइक्लोन हुदहुद

देश में आए खतरनाक तूफानों में साइक्लोन हुदहुद (Cyclone Hudhud) को भी शुमार किया जाता है. हुदहुद एक उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान था और यह नाम ओमान ने हुदहुद नामक एक पक्षी के नाम से दिया था. 2014 में अक्टूबर में आए साइक्लोन हुदुहुद ने देश में जमकर तबाही मचाई थी. यह तूफान विशाखापत्तनम में 215 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से टकराया था.

तूफान हुदहुद की शुरुआत 6 अक्टूबर को अंडमान सागर से हुई थी और 8 अक्टूबर को चक्रवात में बदल गया. 185 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाले इस तूफान ने आंध्रप्रदेश में विशाखापट्टनम और ओडिशा को बुरी तरह से तबाह कर दिया. आंध्र समेत कई राज्यों की फसल चौपट हो गई थी. तूफान की वजह से 124 लोगों की मौत हुई. इस तूफान का असर इस कदर था कि इसका असर उत्तर प्रदेश तक में भी देखा गया था, जहां 18 लोगों की मौत हो गई. इस तबाही से निबटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 1000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी हुआ था.

4. साइक्लोन वरदा ने भी बरपाया था कहर

साइक्लोन वरदा (Cyclone Vardah) भी खतरनाक तूफानों में से एक है. साइक्लोन वरदा बंगाल की खाड़ी में उठा एक चक्रवाती तूफान था. यह 12 दिसंबर 2016 को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तट से टकराया था. पाकिस्तान द्वारा ‘वरदा’ नाम दिया गया, जिसका मतलब है लाल गुलाब.

चेन्नई में 90 से लेकर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली थीं. इसकी रफ्तार 130 किलोमीटर तक गई थी. साइक्लोन की वजह से हजारों एक्टर फसलें बर्बाद हो गई थीं और लाखों पेड़ उखड़ गए. 10 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे गिर गए. इससे 47 लोग मारे गए और कई हजार करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ. इस तूफान की वजह से सबसे ज्यादा तबाही चेन्नई और अंडमान निकोबार में हुई थी. श्रीलंका, थाइलैंड, मलेशिया आदि देशों में भी असर दिखा था.

5. साइक्लोन ओखी में मारे गए थे 300 से ज्यादा लोग

साइक्लोन ओखी (Cyclone Ockhi) 2017 में आई थी और अपनी तबाही के मंजर छोड़ गई थी. तूफान का असर दक्षिण पश्चिम भारत, श्रीलंका और मालदीव में दिखा था. ओखी तूफान 29 नवंबर को श्रीलंका के दक्षिण-पूर्वी तट से बनना शुरू हुआ. ओखी ने खूब तबाही मचाई. इस वजह से समुद्र तटीय इलाकों में खूब बारिश हुई. तूफान में 318 लोगों की मौत हुई जिसमें अकेले 218 लोग भारत में मारे गए. श्रीलंका के 27 लोग भी मारे गए.

6. यूपी तक रहा था साइक्लोन फैलिन का असर

अक्टूबर 2013 में आए साइक्लोन फैलिन (Cyclone Phailin) ने भी जमकर तबाही मचाई थी. । अंडमान सागर में कम दबाव के क्षेत्र के रूप में उत्पन्न हुए फैलिन ने 9 अक्टूबर को उत्तरी अंडमान निकोबार द्वीप समूह पार करते ही एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया. इस चक्रवात ने सबसे ज्यादा नुकसान ओडिशा और आन्ध्र प्रदेश में किया. उत्तर प्रदेश के वाराणसी, बलिया, गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में भी इसका असर दिखा और खूब बारिश हुई थी.

इस चक्रवात को फैलिन नाम (जिसका अर्थ है नीलम), थाइलैंड ने दिया था. इस साइक्लोन से 90 लाख लोग प्रभावित हुए थे, जबकि 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धान की फसल बर्बाद हो गई. साइक्लोन की वजह से 45 लोग मारे गए थे.

7. दक्षिणी राज्यों में चक्रवात नीलम ने मचाई थी तबाही

चक्रवात नीलम (Cyclone Nilam) भारत के सबसे घातक उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से एक चक्रवात है, जिसकी उत्पत्ति दक्षिण भारत में बंगाल की खाड़ी के एक क्षेत्र से हुई थी. चक्रवात नीलम से भारी बारिश और तेज हवाओं ने तमिलनाडु के चेन्नई और आंध्र प्रदेश के काकीनाडा को बेहद प्रभावित किया.

28 अक्टूबर 2012 को आए तूफान में 75 लोग मारे गए थे. कई समुद्रतटीय इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित जगह ले जाया गया. तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में फसलों को खासा नुकसान हुआ. कई घर गिर गए और बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए.