अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद भारत और अमेरिका के संबंधों ने कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं. संधू ने ‘इंडिया-यूएस फोरम’ के पांचवे संस्करण के दौरान गुरुवार को कहा, ‘ वैश्विक महामारी द्वारा पेश की गई चुनौतियों के बावजूद, कई बड़े मुकाम हासिल किए गए हैं. हमने देखा कि सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा की, (अमेरिका के) राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ उनकी आमने-सामने शिखर वार्ता हुई और क्वाड नेताओं की भी आमने-सामने बैठक हुई.’
संधू ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन, संसद, उद्योग, प्रवासी और अमेरिकी लोग 2021 में भारत की मदद के लिए सामने आए, जब ग्रीष्मकाल में भारत वैश्विक महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आ गया था. राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की और इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका, भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. साथ ही उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि पिछले साल अमेरिका में संक्रमण के मामले बढ़ने पर कैसे भारत ने अमेरिका का साथ दिया था.
दूसरी लहर से पहले भारत ने 90 से ज्यादा देश को भेजे टीके
संधू ने कहा, ‘ पूरे अमेरिका से हमें मिला यह समर्थन, हमारे करीबी संबंधों की गवाही देता है. भारत के दूसरी लहर की चपेट में आने से ठीक पहले, भारत ने दुनियाभर में 90 से अधिक देशों को टीके भेजे थे और यह देखना दिल को छूने वाला था कि हमारे दोस्तों तथा अमेरिका जैसे साझेदारों ने भारत की जरूरत के समय उसी तरह मदद की. ’
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के बावजूद दोनों देश अपनी साझेदारियों को आगे बढ़ाते रहे. राष्ट्रपति बाइडन द्वारा आयोजित कई शिखर सम्मेलनों में प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया, जैसे अप्रैल में जलवायु पर ऑनलाइन शिखर सम्मेलन, सितंबर में कोविड-19 पर ऑनलाइन सम्मेलन , अक्टूबर में रोम में जी-20 के दौरान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला शिखर सम्मेलन, नवंबर में ग्लासगो में सीओपी-26 के दौरान ‘बिल्ड बैक बेटर फॉर द वर्ल्ड’ शिखर सम्मेलन आदि.हाल ही में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों का आधार आपसी विश्वास की वजह से काफी मजबूत है, जो लगातार बढ़ रहा है.कांग्रेस के वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए ‘इंडिया हाउस’ में आयोजित एक समारोह में संधू ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच केवल मजबूत रणनीतिक एवं रक्षा संबंध ही नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य और दवा के क्षेत्र में भी दोनों देश के बीच गहरा संबंध है.आज, हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार बेहद मजबूत है और यह आधार विश्वास है, जो लगातार बढ़ रहा है. यह हमारी साझेदारियों के लिए बहुत आवश्यक है.
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