आइएमडी के डीजी मृत्युंजय महापात्र के अनुसार अंडमान सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र गुरुवार सुबह वेल मार्क लो प्रेशर में तब्दील हो गया है. अगले 12 घंटे मे यह दबाव क्षेत्र उत्तर-पश्चिम दिशा में सक्रिय होगा. चार दिसंबर को उत्तर-आंध्र और दक्षिण-ओडिशा के पास समुद्र से टकरा सकता है. इस चक्रवात से आंध्र, ओडिशा और बंगाल के प्रभावित होने की आशंका है.
मौसम विभाग के अनुसार, यह तूफान ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगा, मगर ओडिशा के गंजाम, गजपति, पुरी, नयागड़, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, ढेंकानाल, कटक, भद्रक, बालेश्वर और मयूरभंज जिले इससे प्रभावित होंगे. आंध्रप्रदेश के तटीय जिले श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम में इसका व्यापक असर देखा जा सकता है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चक्रवात की तबाही से निपटने के लिए किए जा रहे इंतजामों की समीक्षा की थी. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने भी बैठक कर प्रभावित क्षेत्र से सभी लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए थे. मछुआरों और सैलानियों को समुद्र तट की ओर नहीं जाने की सलाह दी गई है.
ओडिशा और आंध्र की ओर बढ़ रहा है ‘जवाद’ तूफान, तीन राज्यों में हाई अलर्ट
इस चक्रवात का नाम सऊदी अरब की सलाह पर जवाद रखा गया है. अरबी भाषा के शब्द जवाद का अर्थ है, उदार या दयालु होना.
मंत्री सर्बानंद सोनोवाल चक्रवात के कारण हालात की समीक्षा की .सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं. मैं सभी से तैयार रहने और सतर्क रहने का आग्रह करता हूं. चक्रवात जवाद विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) से लगभग 770 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में है, जिसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 24 घंटों के दौरान एक चक्रवाती तूफान के रूप में इसके और तेज होने की आशंका है. इसके 4 दिसंबर की सुबह के आसपास बंगाल के पश्चिम-मध्य खाड़ी उत्तर आंध्र प्रदेश, दक्षिणी ओडिशा तटों से दूर बंगाल के पश्चिम-मध्य खाड़ी तक पहुंचने की संभावना है.