शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है. इस दिन स्नान के बाद पीपल को जल चढ़ाएं और पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें. पीपल में देवताओं के अलावा पितरों का भी वास माना जाता है. ऐसे में सभी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति का सौभाग्य बढ़ता है और उसकी सभी समस्याएं धीरे धीरे समाप्त होने लगती हैं.
धन की समस्या से जूझ रहे हैं तो शनिश्चरी अमावस्या की रात बहते नदी के पानी में पांच लाल फूल और पांच जलते दिए छोड़े, इससे धन लाभ होगा और धन संबन्धी समस्याएं दूर होने लगेंगी.
कुंडली में शनिदोष है तो शनि अमावस्या के दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल से सेंका हुआ पराठा खिलाएं और मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं. इससे आपके कष्ट दूर होंगे और शत्रु आपका किसी तरह का अनिष्ट नहीं कर पाएंगे.
अगर जीवन में समस्याएं समाप्त होने का नाम ही नहीं लेतीं. मेहनत के बावजूद भाग्य साथ नहीं देता और वो परिणाम नहीं मिलते जिसके आप हकदार हैं तो अमावस्या की रात मंदिर बंद होने से पहले एक घी का दीपक और पांच अगरबत्तियां वहां रखकर आएं और भगवान से समस्या को समाप्त करने के लिए प्रार्थना करें. इसके अलावा अगर संभव हो तो अपने हाथों से अमावस्या के दिन पीपल का पौधा लगाएं और उसकी नियमित रूप से देखभाल करें.
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