छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) जिले में स्टाफ नर्स की संविदा भर्ती में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जहां रायपुर स्वास्थ्य विभाग ने खनिज फंड (DMF) की जरिए 20 स्टाफ नर्स की भर्ती की है. इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल उम्मीदवारों ने आशंका जताई है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों का पालन नहीं किया गया. इसके अलावा अपने चहेते को चुना गया और मेरिट लिस्ट जारी किए बिना ही उनको नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) दे दिया गया, जबकि नियमों के मुताबिक, पहले मेरिट लिस्ट जारी होती है फिर नियुक्ति पत्र जारी होते है. हालांकि यहां पर ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है.
दरअसल, राजधानी रायपुर के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CHMO) ऑफिस के सूत्र और भर्ती में शामिल कुछ अभ्यर्थियों ने बताया कि बीते शनिवार कुछ कैंडिडेट्स के पास फोन कॉल किया गया और उन्हें नियुक्ति दे दी गई है. जबकि सोमवार तक ऑफिस में मेरिट लिस्ट ही शामिल नहीं की गई थी. लेकिन उस लिस्ट में चुने हुए अभ्यर्थियों के नाम हैं, मगर उनके मार्क्स, कट ऑफ की कोई जानकारी इसमें नहीं दी गई है.
चुने हुए लोगों को आखिर किस आधार पर किया गया भर्ती- कैंडिडेट
गौरतलब है कि इसके अलावा भर्ती के लिए जारी किए गए विज्ञापन में कहा गया था कि प्राथमिकता सिर्फ रायपुर जिले के लोगों को मिलेगी. लेकिन 300 के आस-पास उम्मीदवार होते हुए भी फाइनल लिस्ट में दूसरे जिलों के कैंडिडेट्स के नाम शामिल हैं. हालांकि इस मामले में दूसरे कैंडिडेट्स के अनुसार उन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं दी जा रही कि चुने हुए लोगों को आखिर किस आधार पर या कितने नंबर मिलने के कारण नियुक्ति पत्र दिया गया है.
अधिकारियों ने किया दावा- नियमों का नहीं हुआ उल्लंघन
बता दें कि इस प्रक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चीफ मेडिकल ऑफिसर (CHMO) डॉ. मीरा बघेल ने कहा कि स्टाफ नर्स की संविदा भर्ती में की प्रक्रिया पूरी करते हुए संविदा पर 20 स्टाफ नर्स चुनी गई हैं. इसमें पूरी तरह से नियमों का पालन हुआ है. साथ ही मेरिट लिस्ट जारी करने के बाद ही नियुक्ति दी गई है.
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