केंद्र ने आज संसद में बैठक के दौरान, जम्मू कश्मीर में नागरिकों की हत्या का भी मुद्दा उठाया है. गृह मंत्रालय ने संसद में कहा, “इस साल 15 नवंबर तक जम्मू-कश्मीर में 40 नागरिक मारे गए, 72 घायल हुए.’केंद्र ने आज संसद में जम्मू कश्मीर में नागरिकों की हत्या का भी मुद्दा उठाया है. गृह मंत्रालय ने संसद में कहा, ‘इस साल 15 नवंबर तक जम्मू-कश्मीर में 40 नागरिक मारे गए, 72 घायल हुए.’ गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.
राय ने नागरिकों को आतंकवाद विरोधी अभियानों से बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी. इनमें आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियान, जमीनी कार्यकर्ताओं/आतंकवाद के समर्थकों की पहचान और गिरफ्तारी, प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई, नाका पर रात की गश्त और जांच, उचित तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था, सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बैठकें, उच्च स्तर की सतर्कता शामिल हैं. सुरक्षा बलों द्वारा बनाए रखा और आतंकी फंडिंग के मामलों में कानूनी कार्रवाई.
‘असम राइफल्स और 2 नागरिकों ने अपनी जान दी’
मणिपुर में हुई घटना के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मणिपुर में घात की हालिया घटना के संबंध में, संदिग्ध विद्रोहियों ने 13 नवंबर, 2021 को चुराचांदपुर जिले में भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें पांच कर्मियों सहित सात लोग शामिल थे. असम राइफल्स और 2 नागरिकों ने अपनी जान दी है. इसके अलावा, इस घटना में असम राइफल्स के 6 जवान भी घायल हो गए.”
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हमले की 1,033 घटनाएं
सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि पिछले तीन साल में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हमले की 1,033 घटनाएं हो चुकी हैं. रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार, 2019 में सबसे अधिक घटनाएं-594- दर्ज की गईं. उन्होंने यह भी कहा कि इस साल 15 नवंबर तक 196 घटनाएं हो चुकी हैं.भट्ट ने कहा, “आतंकवादी हमलों की संख्या और इन हमलों में मारे गए सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या में पिछले दो वर्षों की तुलना में 2021 में जम्मू-कश्मीर में कमी आई है.
कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों के नेताओं ने राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने के मुद्दे को लेकर मंगलवार को उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की और इन सदस्यों का निलंबन रद्द करने का आग्रह किया. इससे पहले, इन नेताओं ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक की और निलंबन रद्द किए जाने पर जोर दिया.
विपक्षी दलों के नेताओं ने सांसदों के निलंबन को असंवैधानिक करार दिया और जोर देकर कहा कि इनका निलंबन रद्द किया जाना चाहिए.उल्लेखनीय है कि विपक्षी नेताओं की बैठक में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई, जबकि निलंबित सांसदों में उसके भी दो सांसद शामिल हैं. पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस की अगुवाई में हुई विपक्ष की किसी भी पहल से तृणमूल कांग्रेस दूरी बनाती नजर आई है.
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