संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सरकार से अलग-अलग विषयों पर कई सवाल पूछे गए. जिनमें एक सवाल हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर सिंह का भी था. धर्मवीर सिंह ने श्रम और रोजगार मंत्री से बेरोजगारी के संबंध में राज्य-वार आंकड़े, रोजगार सृजन के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं समेत कई सवाल पूछे. सांसद द्वारा बेरोजगारी से जुड़े सवालों पर केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लिखित जवाब दिया और राज्य-वार बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2019-20 के दौरान नागालैंड में सबसे ज्यादा 25.7 फीसदी बेरोजगारी दर रही, जबकि इसी अवधि में लद्दाख में सबसे कम 0.1 फीसदी बेरोजगारी दर रही.
जवाब में कहा गया, ”रोजगार/बेरोजगारी से संबंधित आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा आयोजित किए जाने वाले आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के माध्यम से 2017-18 से इकट्ठे किए जा रहे हैं. साल 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान आयोजित किए गए पीएलएफएस के परिणामों के अनुसार, हरियाणा सहित देश में सामान्य स्थिति आधार पर 15 साल और इससे अधिक आयु के व्यक्तियों की बेरोजगारी दर अनुबंध I में दी गई है.”
रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता
जवाब में आगे कहा गया, ”रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता रही है. भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा
देने के लिए अनेक पहल की हैं. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के अंग के रूप में सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ-साथ नए रोजगार का सृजन करने हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने तथा कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार की हानि के प्रतिस्थापन हेतु 1 अक्टूबर, 2020 से शुरू की गई थी. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही यह योजना नियोक्ताओं पर वित्तीय दबाव को कम करती है एवं उन्हें और अधिक कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए प्रोत्साहित करती है. इस योजना के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि को
30 जून, 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया गया है. 20 नवंबर 2021 को 1.15 लाख प्रतिष्ठानों के माध्यम से 39.43 लाख लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया गया है.”
”पीएम स्व-निधि योजना ने रेहड़ी-पटरी वालों को अपना व्यापार फिर से शुरू करने में सहायता करने के लिए एक साल की अवधि के लिए दस हजार रुपये तक का गैर-जमानती कार्यकारी पूंजीगत ऋण प्रदान करने के कार्य को सरल बनाया है.”
”सरकार द्वारा स्व-रोजगार को सुकर बनाने के लिए, अन्य बातों के साथ-साथ, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) कार्यान्वित की जा रही है. पीएमएमवाई के अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु व्यापारिक उद्यमों तथा व्यक्तियों को अपने व्यापारिक कार्यकलापों को स्थापित करने अथवा विस्तार करने में समर्थ बनाने के लिए 10 लाख रुपए तक का गैर-जमानती ऋण प्रदान किया जाता है.”
”इसके अलावा रोजगार सृजन को बढ़ाने के लिए, सरकार देश में पर्याप्त निवेश वाली विभिन्न परियोजनाओं को प्रोत्साहित कर रही है और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन तथा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जो क्रमशः सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही हैं, इन योजनाओं पर सार्वजनिक व्यय करना, हरियाणा सहित देश में योजनाओं के माध्यम से सृजित रोजगार का ब्यौरा अनुबंध-II में दिया गया है.”
”इन पहलों के अलावा, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन, जीर्णोद्धार एवं शहरी रूपांतरण हेतु अटल मिशन, सभी के लिए आवास, अवसंरचना विकास तथा औद्योगिक गलियारों तथा उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन योजना जैसे सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम भी उत्पादक रोजगार के अवसर सृजित करने के प्रति उन्मुख हैं.”
बेरोजगारी को लेकर सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े इस प्रकार हैं-
बताते चलें कि सोमवार, 29 नवंबर से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई है. सत्र शुरू होने से पहले ही इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है और कार्यवाही शुरू होने के साथ बिल्कुल ऐसा ही हुई. विपक्ष ने सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेरकर जमकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया था.
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