विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में हर रोज लाखों भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए जाते हैं. लेकिन 30 नंवबर और 1 दिसंबर भोले के भक्तों के लिए परेशानी का दिन है. क्योंकि इन दो दिनों में वह अपने प्रिय भगवान के मंदिर में दर्शन नहीं कर पाएंगे. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार 30 नवंबर और 1 दिसंबर को मंदिर परिसर में कुछ निर्माण गतिविधियों की वजह से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रवेश आज और कल बंद रहेगा.
खबर के अनुसार बनारस के आयुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि 29 नवंबर को भी सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक काशी विश्वनाथ मंदिर बंद रहा था. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया, ‘काशी विश्वनाथ धाम का काम अब अंतिम चरण में है. ऐसे में मंदिर परिसर में कुछ निर्माण गतिविधियों की सुविधा के लिए 30 नवंबर और 1 दिसंबर को मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद किया गया है. यानी कि इन आज और कल आप 6 से 6 के समय में शिव जी के दर्शन नहीं कर पाएंगे.
अगर आप काशी दर्शन के लिए गए हैं तो बिना भगवान के दर्शन के वापस ना आएं. गंगा किनारे बसा बनारस शिव भक्ति में डूबा का शहर है. कहते हैं कि शिव जी के त्रिशूल पर काशी बसी हुई है. ऐसे में अगर आप काशी गए हैं तो शिव के दर्शन के बिना वापस ना आएं. वहीं, बाहर से आने वाले लोगों को काशी की ये कुछ बातें जरूर जाननी चाहिए क्योंकि अगर आप बनारस गए और वहां जाकर ये काम नहीं किए तो आप बाद में बहुत पछताने वाले हैं इसलिए अगर जा रहे हैं वहां की सैर करने तो जरूर करें ये 5 काम…
गंगा स्नान
वारानस की संस्कृति का गंगा नदी से अटूट रिश्ता है. गंगा और बनारस का एक साथ चलने वाला रिश्ता है. ऐसा कहते हैं कि काशी में गंगा स्नान का खास महत्व है. अगर आप बनारस जाएं तो गंगा में डुबकी लगाना ना भूलें.
शिव जी के दर्शन
बाबा भोलेनाथ की नगरी बनारस, घाट और मंदिरों के लिए जाना जाता है इसलिए अगर आप बनारस गए और वहां के प्रमुख मंदिरों में दर्शन करने नहीं गए तो आप की यात्रा अधूरी रह ही जाएगी. अगर आप बनारस जाएं तो ‘काशी विश्वनाथ मंदिर’ के दर्शन जरूर करें.ऐसा कहा जाता है कि काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद अगर काशी के कोतवाल के दर्शन नहीं किए तो पूजा अधूरी रह जाती है.
गंगा आरती
बनारस के घाट पर शाम को होने वाली गंगा आरती का नजारा वाकई अद्भुत होता है. गंगा आरती को देखने के लिए खास रूप से लोग दूर दूर से आते हैं. हर रोज करीब 45 मिनट की आरती का ये नजारा एक बार तो आपको जरूर देखने जाना चाहिए.
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