यूनेस्को की रिपोर्ट में 60 देशों में किए गए करीब 2,50,000 किलोमीटर सड़कों के सर्वे का हवाला दिया गया है. इनमें से 80 फीसदी सड़कों पर वाहनों की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पाई गई.
सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को लेकर यूनेस्को की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, कम वाहन वाले गरीब देशों में बच्चों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत की संभावना अधिक होती है, यहां तक कि पैदल चलने वाले बच्चों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. वैश्विक शिक्षा निगरानी (GEM) की नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.
यूनेस्को यानी संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन की इस रिपोर्ट में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए दुर्घटनाओं को कम करने के वास्ते कई देशों द्वारा उठाए गए उपायों पर प्रकाश डालने के साथ ही यातायात शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया गया है.
आखिर क्या हैं कारण?…. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल जाने वाले बच्चे सड़क दुर्घटनाओं से असमान रूप से प्रभावित होते हैं क्योंकि कई स्कूल प्रमुख राजमार्गों के पास स्थित होते हैं. बच्चों में धीमी प्रतिक्रिया होती है और वयस्कों की तुलना में वे जोखिम को तेजी से समझ नहीं पाते. यातायात दुर्घटनाएं गरीब देशों में विशेष रूप से खतरनाक साबित होती हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक तेज और अनियोजित प्रगति सड़क की खराब स्थिति और अपर्याप्त शहरी यातायात डिजाइन का कारण बनती है, जिसके कारण पैदल चलने वालों और अन्य लोगों को जोखिम में डालता है. कड़े वाहन सुरक्षा मानकों की कमी के कारण जोखिम और बढ़ जाता है. ऐसे में बहुत कम वाहन होने के बावजूद गरीब देशों में दुर्घटनाओं और घातक दुर्घटनाओं का कहीं अधिक जोखिम होता है.
इस रिपोर्ट में 60 देशों में लगभग 2,50,000 किलोमीटर लंबी सड़कों के एक अंतरराष्ट्रीय सड़क मूल्यांकन सर्वेक्षण का हवाला दिया गया, जिसमें पाया गया कि 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक के यातायात प्रवाह वाली सड़कों पर 80 प्रतिशत से अधिक पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ उपलब्ध नहीं था.
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