नई दिल्ली, 30 नवम्बर। आने वाले समय में कोल सेक्टर निजी हाथों में जाएगा, इसका संकेत कोयला मंत्री ने दे दिया है। चालू शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही राज्यसभा में एक लिखित जवाब में केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने कोयला उत्पादन (Production) और संवितरण (Distribution) के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
यहां बताना होगा कि कमर्शियल माइनिंग के जरिए निजी क्षेत्र के लिए कोल ब्लॉक खोल दिए गए है। कमर्शियल माइनिंग के निर्णय का कोल सेक्टर के श्रमिक संगठनों ने जोरदार मुखालफत करते हुए कामबंद हड़ताल की थी। बावजूद इसके सरकार ने इस नीति पर काम करना जारी रखा। राज्यसभा में कोयला मंत्री के जवाब से यह प्रतीत होता है कि कोल इंडिया और अनुषांगिक कंपनियां भी निजीकरण के दायरे में आ सकती हैं।
इधर, कमर्शियल माइनिंग को लेकर कोयला मंत्री श्री जोशी ने बताया कि नीलामी के लिए 141 खानों का आबंटन किया गया है। दो दौर की नीलामी पूरी हो चुकी है। नीलामी को तीसरा दौर जारी है। अब तक 28 कोयला खानों को नीलाम किया जा चुका है।
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