बिहार में बड़े पैमाने पर हो रहा मशरूम का उत्पादन, स्थानीय बाजार नहीं होने से किसानों की बढ़ गई है परेशानी…

मशरूम की खेती में दिन-रात बढ़ोतरी के बीच किसानों को अब एकीकृत बाजार की जरूरत है. बिहार में छोटे पैमाने पर किसानों ने मशरूम की खेती शुरू की. अब बड़े-बड़े प्लेयर्स आने लगे हैं. लेकिन अब बाजार की कमी लोकर उनकी चिंता बढ़ने लगी है. बिहार में किसी भी जिले में मशरूम को लेकर बाजार सुनिश्चित नहीं है. प्रदेश में पिछले साल के रिकॉर्ड के मुताबिक, 23 हजार मीट्रिक टन से अधिक मशरूम का उत्पादन हुआ. इस बार 25 हजार मीट्रिक टन का आंकड़ा पार होने की उम्मीद है.

बिहार के मुजफ्फरपुर में इसी साल मार्च में मशरूम का बिजनेस शुरू करने वाले किसान शशि भूषण तिवारी का कहना है कि 12 करोड़ की लागत से मशरूम का सबसे बेहतरीन प्लांट तैयार किया और इसके लिए बहुत कुछ दाव पर लगा दिया. देश की सबसे आधुनिक तकनीक के साथ हमने खेती शुरू की. तकरीबन 1000 से 1500 किलो प्रत्येक दिन निकल रहा है, लेकिन इसे खरीदने के लिए कुछ कंपनियां ही सामने आई हैं और इन्हीं के जरिए हमारे मशरूम की खपत हो रही है. लेकिन अब बाजार की कमी ज्यादा परेशान करने लगी है.

‘हर जिले में बनाना चाहिए सेंटर पॉइंट’

उन्होंने बताया कि हमारे यहां मशरूम जब कटकर तैयार होता है तो उसे एक, दो या चार दिनों तक हम अपने कोल्ड स्टोरेज में रख सकते हैं. इसके बाद बटन मशरूम खराब होना शुरू हो जाता है. प्रदेश में इसके लिए कोई बाजार भी नहीं है. यहां तक कि कोई कस्टमर चेन भी नहीं है, जहां अपने उत्पाद को लेकर जा सकते हैं. सब्जी, मछली या अनाज के लिए बाजार तय है. अगर उसी तरह से मशरूम का बाजार तय कर दिया जाए तो बहुत फायदा होगा.

बिहार ही नहीं, देश में मशरूम की खेती के लिए कई सम्मान से सम्मानित अनुपमा सिंह बताती हैं कि मशरूम की खेती में सबसे अधिक परेशानी बाजार की है. हर जिले में अगर एक सेंटर पॉइंट बना दिया जाए तो बहुत राहत मिल जाएगी. यहां के किसान कई कीर्तिमान बना सकते हैं.

दो दर्जन प्रोडक्ट बनाएं जा रहे हैं

डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने टीवी9 डिजिटल को बताया कि मशरूम पर शोध के साथ-साथ उसके उत्पादों के लिए यहां बड़े स्तर पर रिसर्च किया जा रहा है. तकरीबन 2 दर्जन प्रोडक्ट बनाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. सरकार समय पर स्थानीय बाजार बनाएगी.

मशरूम मैन बोले- उत्पादकों को बाजार भी मिलेगा

मशरूम मैन के नाम से मशहूर बिहार के डॉक्टर दयाराम इस खेती को उद्योग के रु में विकसित होने से काफी खुश हैं. टीवी9 डिजिटल से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि अब बिहार मशरूम की खेती में आगे निकल चुका है. उत्पादन बढ़ रहा है तो आने वाले दिनों में बाजार भी सरकार उपलब्घ कराएगी.

बिहार में मशरूम की खेती में महिलाएं सबसे आगे रही हैं. पिछले साल के आंकड़ों को देखें तो 50 से अधिक महिलाओं ने मशरूम की खेती से लाखों रुपए की कमाई की है. वहीं उत्पादन के लिहाज से देखें तो ओडिशा अभी नंबर वन पोजिशन पर है, लेकिन आने वाले दिनों में बिहार सबको पीछे धकेल देगा

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