राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति व विरासत की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य – डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा 29 नवम्बर (वेदांत समाचार) आज हम स्वतंत्र हैं, लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि यह स्वतंत्रता हमें यूँ ही नहीं मिली । इस स्वतंत्रता के लिए न जाने कितने फाँसी के फंदे पर झूले थे और न जाने कितनों ने गोली खाई थी । तब जाकर मने यह आजादी पाई थी । देश ऋणी है उन क्रांतिवीरों का जिन्होंने देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया । परंतु दुख है इतिहास में कुछ लोगों को जगह मिली । भारत में स्वतंत्रता संग्राम का एक विशाल इतिहास है और साइमन कमीशन रोलेट एक्ट जलियाँवाला बाग नरसंहार और कई सारे आंदोलनों सहित कई कार्यक्रम हुए जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की । भारतीय संग्राम का भारत के इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है । देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाने के लिए संपूर्ण भारत देश ने बहुत संघर्ष किया । आजादी के खातिर हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की भी चिंता नहीं की ।


उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने वीरगाथा प्रोजेक्ट के तहत भारत देश के सभी विद्यालयों में अलग-अलग कक्षा स्तर में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया ।

इस महती परियोजना में भला इंडस पब्लिक स्कूल दीपका भला कैसे अपनी भागीदारी सुनिश्चित नहीं करता । विगत 18, 19 एवं 20 नवंबर को वीरगाथा प्रोजेक्ट के तहत विद्यालय में विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया । इन गतिविधियों में कक्षा 3 री से 10 वीं तक के विद्यार्थियों ने देशभक्ति कविता, निबंध लेखन व देशभक्ति पेंटिंग में अपनी प्रतिभा व कला का प्रदर्शन किया ।
विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक पेंटिंग बनाएँ व सुंदर कविताओं की रचना की । बात यदि निबंध लेखन की करें तो कक्षा तीसरी से पाँचवीं तक के विद्यार्थियों की शब्द सीमा 150 शब्द थी । वहीं कक्षा छठवीं से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन की शब्द सीमा 300 शब्द व नवमीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों के लिए 750 शब्द थे ।


विद्यालय में आयोजित संपूर्ण प्रतियोगिता शैक्षणिक प्रभारी श्रीमती सोमा सरकार के दिशा निर्देशन में संपन्न हुई । श्रीमती सोमा सरकार ने कहा कि विद्यालय में विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी के आयोजन से विद्यार्थियों में रचनात्मकता का विकास होता है । यदि हम विद्यार्थी जीवन में ही विद्यार्थियों के मन में देशभक्ति की भावना का विकास करें तो वे आजीवन राष्ट्रभक्त बने रहेंगें व देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निष्ठा से निर्वाह करेंगें ।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि हमारे लिए सर्वप्रथम हमारा राष्ट्र है । अपने राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति व विरासत की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता है । अपने राष्ट्र के प्रति आदर व सम्मान का भाव प्रत्येक नागरिक के हृदय में होना चाहिए । विद्यालय में विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों के आयोजनों से विद्यार्थियों में देशभक्ति व समर्पण की भावना का विकास करना हमारा उद्देश्य है । यह हमारी जिम्मेदारी व कर्तव्य दोनों है कि हम राष्ट्र के भावी कर्णधारों के मन में राष्ट्रभक्ति का संचार करें ।

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