Success Story : IAS बनने के लिए की इतनी मेहनत, तीसरे अटेंप्ट में सफल हुईं पूजा गुप्ता

नई दिल्ली (Success Story, Pooja Gupta IAS). यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है. हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने के लिए कोचिंग या सेल्फ स्टडी का सहारा लेते हैं. आईएएस पूजा गुप्ता (IAS Pooja Gupta) ने सिविल सर्विस (Civil Services) में आने के लिए काफी मेहनत की थी. वे अपने तीसरे प्रयास में आईएएस (IAS Success Story) बन पाई थीं. उनकी सक्सेस स्टोरी आपको भी काफी प्रेरित कर सकती है.

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा के तीसरे अटेंप्ट में आईपीएस (IPS) पूजा गुप्ता आईएएस (IAS) बनी हैं. इसमें उन्होंने 42वीं रैंक हासिल की है (Pooja Gupta IAS Rank). उनके पति शक्ति अवस्थी भी आईपीएस हैं. पहले वे आईआरएस सेवा के लिए चुने गए थे पर वे उससे संतुष्ट नहीं थे और फिर यूपीएससी परीक्षा में शामिल होकर आईपीएस बन गए. फिलहाल दोनों साथ में ही ट्रेनिंग कर रहे हैं.

2018 में दिया था पहला अटेंप्ट


एनसी जिंदल पब्लिक स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद पूजा ने दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 15 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2012 में बीडीएस (BDS Course) में एडमिशन लिया था. 2017 में ग्रेजुएट होने के बाद 2018 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) दी थी. अपने पहले प्रयास में उन्हें 147वीं रैंक हासिल हुई थी. इसमें उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में हुआ था. साल 2019 के दूसरे अटेंप्ट में उनका प्रीलिम्स क्लियर नहीं हो सका था. लेकिन उन्होंने अगले प्रयास के लिए तैयारी जारी रखी और ट्रेनिंग के दौरान ही यूपीएससी 2020 परीक्षा में शामिल हो गईं.विज्ञापन

ये इंटरव्यू टिप्स आ सकते हैं काम


2018 में पूजा गुप्ता का इंटरव्यू बहुत खास नहीं रहा था (IAS Interview). उनकी रैंक पर इसी का असर पड़ा था. आईएएस पूजा गुप्ता का कहना है कि इंटरव्यू के एक दिन पहले बहुत स्ट्रेस होता है. अपने दूसरे प्रयास में उन्हें लगता था कि कहीं फिर से पिछले साल की तरह बोर्ड न मिल जाए. समय से इंटरव्यू में पहुंचना भी बहुत जरूरी होता है. लेकिन जब इंटरव्यू का समय आता है तो सब सही हो जाता है. उनका इंटरव्यू 20 से 25 मिनट चला था.

मेंटल बैलेंस भी है बहुत जरूरी


आईएएस पूजा गुप्ता (IAS Pooja Gupta) का कहना है कि अभ्यर्थियों को कई तरह के सोर्स से पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. सिलेबस का बार-बार रिवीजन करें. पढ़ाई करने की अपनी कैपेसिटी को धीरे-धीरे बढ़ाएं. बीच में ब्रेक लेते रहें. रोजाना के लिए टाइम टेबल बनाएं और उसे फॉलो भी करें. इस परीक्षा में पहले से कुछ भी अनुमान नहीं लगा सकते हैं. अपनी हॉबीज को फॉलो करने से मेंटल बैलेंस बना रहेगा