शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष ने पेगासस समेत कई मुद्दों पर उठाई चर्चा की मांग

नई दिल्ली. संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार द्वारा रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अधिकतर विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus), महंगाई (Inflation) और बेरोजगारी (Unemployment) के मुद्दों पर चर्चा किए जाने की मांग की. बैठक में हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) सहित कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के विस्तारित अधिकार क्षेत्र का मुद्दा भी उठाया. ऐसा बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं-सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने लाभकारी सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश और न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर कानून लाने का मुद्दा भी उठाया.

परंपरागत रूप से संसद सत्र की शुरुआत की पूर्व संध्या पर होने वाली बैठक में उपस्थित प्रमुख विपक्षी नेताओं में कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और आनंद शर्मा, द्रविड़ मुनेत्र कषगम से टीआर बालू और तिरुचि शिवा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से शरद पवार, शिवसेना से विनायक राउत, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, बहुजन समाज पार्टी से सतीश मिश्रा, बीजू जनता दल से प्रसन्ना आचार्य और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल थे.

संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होंगे आधा दर्जन अहम विधेयक


संसद के सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिनमें बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम आधा दर्जन से अधिक विधेयक शामिल हैं. लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं.

शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा थी और इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन तीनों कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी थी.

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है. इस विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है. इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके.

सुधारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बिजली संशोधन विधेयक 2021 है जो बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने वाला और ग्राहकों को बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी देने से संबंधित है. आर्थिक सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 है. इसके जरिये बैंकिंग कंपनी अधिनियम, बैंकिंग विनियमन कानून में और संशोधन किया जाएगा.

वहीं, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके माध्यम से देश के पेंशन क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है. दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 में मौजूदा दिवालिया कानून को ज्यादा सशक्त बनाने की बात कही गई है.

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