कोरबा : जिला युथ मुस्लिम कमेटी द्वारा जिला मुख्यालय में निकाली गई विशाल मौन रैली, सौंपा ज्ञापन

कोरबा 27 नवम्बर (वेदांत समाचार) । पैग़म्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद ( स.अ.व ) के खिलाफ झूठी मनगढ़त पुस्तक जारी करने वाले वसीम रिज़वी के कृत्य को संज्ञान में लेने व मुसलमानों के धार्मिक स्वतंत्रता बहाली करने जिला युथ मुस्लिम कमेटी कौरबा द्वारा राष्ट्रपति व मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के नाम सौंपा गया ज्ञापन जिला युथ मुस्लिम कमेटी कोरबा द्वारा 27 नवंबर शनिवार को जिला मुख्यालय में विशाल मौन रैली निकाली गई । जिसमें पैग़म्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद ( स.अ.व ) के खिलाफ झूठी मनगढत पुस्तक जारी करने वाले वसीम रिज़वी के कृत्य को संज्ञान में लेने व मुसलमानों के धार्मिक स्वतंत्रता बहाली करने जिला कलेक्टर कोरबा द्वारा राष्ट्रपति व मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के नाम ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन में युथ मुस्लिम कमेटी द्वारा राष्ट्रपति भारत शासन व मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय का ध्यानाकर्षण कराते हुए बताया गया कि वसीम रिज़वी नामक व्यक्ति द्वारा हमारे पैग़म्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद ( स.अ.व ) के नाम पर झूठी मनगढ़त पुस्तक का विमोचन किया गया है । जो कि केवल मुस्लिम समाज को ठेस पहुंचाने एवं देश के भाई चारे व अनेकता में भावना को साम्प्रदायिकता का रंग देने एवं मुस्लिम समाज में भय व्याप्त करने का कार्य किया गया है । मुस्लिम समाज जिला कोरबा एवं पूरे भारत वर्ष का मुस्लिम समाज वसीम रिज़वी के घृणित कृत्य से अत्यंत दुखी है तथा अपने पैग़म्बरे इस्लाम के विरुद्ध झूठी पुस्तक के विमोचन से अत्यंत आहत व उद्वेलित है । मुस्लिम समाज जिला कोरबा द्वारा राष्ट्रपति व न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय से देश की संवैधानिक एवं प्रजातांत्रिक ढांचों को बनाये रखने की मांग करते हुए वसीम रिज़वी विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने उसके द्वारा जारी मोहम्मद नामक पुस्तक को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने व उसके प्रचार प्रसार करने व विभिन्न प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उक्त पुस्तक के विषय पर चर्चा एवं दुष्प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है ।

जिला युथ मुस्लिम कमेटी द्वारा ज्ञापन में कहा कि मुसलमानों को निशाने रख कर एक ही देश में दो तरह के कार्यवाही से सबके लिए न्याय का सिद्धांत और धर्म निरपेक्षता बाधित हो रहा है । जबकि अनुच्छेद 25 के अनुसार भारत के सब नागरिकों को किसी भी धर्म को मानने की आजादी है । प्रस्तावना में धर्म निरपेक्ष शब्द का प्रयोग 42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संशोधन करके धर्म निरपेक्ष शब्द अंकित करके भारत को स्पष्ट रूप से धर्म निरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है । इसलिए मुसलमानों को प्रताड़ित करने वाले गिरोह / संस्था / भीड़तंत्र पर संविधान विधित कार्यवाही कर सबसे लिए एक समान न्याय व्यवस्था स्थापित करने की मांग की है।

युथ मुस्लिम कमेटी के सदस्यों ने अपने उदबोधन में कहा कि इस्लाम अमन का पैगाम है सामाजिक समरसता , समान न्याय , भाईचारा और वतनपरस्ती ही इस्लाम का संदेश है । साम्प्रदायिकता का भाव रखने वाले किसी भी मजहब के हो वो केवल किसी मजहब के नही बल्कि देश के भी दुश्मन है जिनसे देश के भाईचारे , अमन चैन को खतरा है । देश में भाईचारा बढ़ाने सभी समाज को साम्प्रदायिकता फैलाने वाले लोगों को चिन्हांकित कर बहिस्कार करना चाहिए । जुलुश में जिले भर के मुस्लिम समुदाय के युवा मस्जिद कमेटियों के सदर , सेक्रेटरी , इमाम और जमात सहित हजारो लोग शामिल हुए ।