रायपुर 27 नवंबर (वेदांत समाचार)। माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के दिशा-निर्दोषों का पालन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा पुलिस परीक्षण अकादमी में किशोर न्याय अधिनियम तथा पॉक्सो एक्ट पर परीक्षण कार्यक्रम आयोजित कराया गया। जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश श्रीमती शुभ्रा पचौरी द्वारा उक्त कानूनों पर अपना व्याख्यान दिया गया।
परीक्षण कार्यक्रम में नवनियुक्त पुलिस अधिकारी तथा विवेचक उपस्थित रहे। न्यायाधीश द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के नियम तथा विधि प्रावधानों की जानकारी प्रदान की गयी। न्यायाधीश श्रीमती पचौरी द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो एक्ट) के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(3) के तहत बच्चों के संबंध में विशेष उपबन्ध किये गये हैं जिसका परिणाम ही यह कानून है। कानून के द्वारा लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीड़न और अलील साहित्य के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने और ऐसे अपराधों का विचारण करने के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना तथा उनसे संबंधित या आनुांगिक विषयो के लिए उपबंध करने के लिए अधिनियम बनाया गया। न्यायाधीश श्रीमती पचौरी द्वारा बताया गया कि, उक्त मामलों में अन्वेाण किस प्रकार किया जावेगा। प्रत्येक विवेचक को बहुत संवेदित होकर दस्तावेज तथा साक्ष्य का संकलन किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसे अपराध संज्ञेय, अजमानतीय तथा गंभीर प्रकृति के होते हैं और ऐसे मामलों में न्याय सदैव परिलक्षित होना चाहिए। समस्त पुलिस अधिकारियों द्वारा परीक्षण कार्यक्रम को लाभप्रद बताया और कहा गया कि इससे विवेचना में हम सभी को बहुत लाभ प्राप्त होगा।
[metaslider id="347522"]