पैरा दान करने वाले किसानों को भी मिलेगा फायदा; मुंगेली में 27 नवंबर को टीकाकरण महाअभियान

मुंगेली 26 नवंबर (वेदांत समाचार)। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद लोगों ने वैक्सीनेशन से दूरी बना रखी है। कुछ लोगों ने पहला टीका लगवाया, लेकिन दूसरी डोज के लिए नहीं पहुंचे। कई तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने पहली डोज ही नहीं लगवाई। ऐसे में अब मुंगेली जिला प्रशासन ने किसानों को ऑफर दिया है। जो किसान वैक्सीनेट होंगे, यानी टीके लगवा चुके होंगे, उन्हें धान खरीदी में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए जिले में 27 नवंबर को टीकाकरण महाअभियान शुरू होने जा रहा है।

दरअसल, प्रदेश में एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो रही है। इससे पहले सरकार ने पैरा दान योजना भी शुरू की है। वहीं कोरोना वैक्सीनेशन को बढ़ाने की जिम्मेदारी भी प्रशासन के पास है। ऐसे में धान खरीदी के साथ बाकी दोनों में तेजी लाने के लिए मुंगेली जिला प्रशासन ने यह पहल की है। कलेक्टर अजीत बसंत ने कहा है कि छोटे और सीमांत किसानों को तो धान खरीदी में प्राथमिकता मिलेगी ही, लेकिन बाकी किसान भी योजना का फायदा ले सकते हैं।

कलेक्टर अजीत बसंत

कलेक्टर अजीत बसंत

धान खरीदी केंद्र पर दिखाना होगा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट
लोरमी SDM मेनका प्रधान ने बताया कि जिले के हर खरीदी केंद्र पर किसानों के दस्तावेजों की जांच के लिए काउंटर बनाए गए हैं। इन्हीं काउंटर पर कोरोना वैक्सीन की डोज लेने वाले किसानों को सर्टिफिकेट दिखाना होगा। इसके लिए वे सर्टिफिकेट का प्रिंट आउट भी ला सकते हैं और मोबाइल के जरिए भी दिखा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इसकी व्यवस्था की जा रही है।

लोरमी में 20 हजार वैक्सीनेशन का लक्ष्य
SDM मेनका प्रधान ने बताया कि 27 नवंबर को लोरमी क्षेत्र में 20 हजार वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है। इसे हासिल करने के लिए 95 स्वास्थ्य केंद्रों में 250 वैक्सीन की व्यवस्था की गई है। अब तक एक दिन में अधिकतम लगभग 1900 वैक्सीनेशन हो सका है। 20 हजार का लक्ष्य पूरा करने ग्राम समितियां, जनप्रतिनिधि और सचिवों को आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं, सभी ने पहल शुरू कर दी है।

गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर निकाली गई जागरूकता रैली।

गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर निकाली गई जागरूकता रैली।

धान उपार्जन केंद्रों में इन व्यवस्थाओं का होना अनिवार्य
प्रदेश में 1 दिसंबर से जिले के 95 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी शुरू होगी। कलेक्टर ने सभी केंद्रों में जीरो शार्टेज का लक्ष्य रखा है। सभी उपार्जन केंद्रों में बारदाना, कम्प्यूटर सेंट, कांटाबांटा, कर्मचारी, हम्माल, तारपोलिंग की व्यवस्था आवश्यक है। धान की गुणवत्ता, खरीदी दर वाली निगरानी समिति के सदस्यों के नाम फ्लेक्स बैनर में प्रदर्शित होना आवश्यक है।

पैरा दान योजना

छत्‍तीसगढ़ में 6200 गोठानों का संचालन किया जा रहा है। यहां रहने वाले पशुओं के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करीब साल भर पहले पैरा दान योजना की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत किसानों से पैरा गोठानों में देने का आग्रह किया था। जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो और पशुओं को आहार भी मिल सके। किसान पहले पैरा को जला दिया करते थे।