25 नवंबर (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ सरकार के एक फैसले के बाद राज्य की 20 हजार महिलाओं की नौकरी पर कथित तौर पर खतरा मंडराने लगा है. इसको लेकर विपक्षी दल बीजेपी सरकार को घेरने की तैयारी में है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने इस मुद्दे पर बघेल सरकार को आड़े हाथों भी लिया है. हालांकि, सत्ताधारी कांग्रेस ने इस पर सफाई भी दी है. कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. आपको बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला है क्या…
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित की जाने वाली रेडी टू ईट फूड को अब ऑटोमेटिक मशीनों से उत्पादन का निर्णय लिया है. 22 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. राज्य सरकार का मानना हैं की रेडी टू ईट भोजन पोषण आहार की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है. बैठक में कहा गया है कि वर्तमान में प्रचलित पूरक पोषण आहार व्यवस्था के अंतर्गत टेक होम राशन में रेडी टू ईट फूड निर्माण और वितरण का कार्य अब कृषि विकास एवं कृषक कल्याण एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम के द्वारा स्थापित इकायों के माध्यम से किया जाएगा.
रमन सिंह ने खोला मोर्चा
वहीं, सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व सीएम रमन सिंह ने मोर्चा खोल दिया है. रमन सिंह ने ट्वीट कर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. रमन सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सीधा सवाल किया है. रमन सिंह ने ट्विटर पर लिखा, “प्रियंका गांधी जी यही है कांग्रेस का महिला सशक्तिकरण. सालों से रेडी टू ईट फूड बना रहीं 20 हजार से अधिक स्व सहायता समूह की बहनों का हक छीनकर भूपेश बघेल सरकार प्राइवेट एजेंसी को दे रही है. क्या यह फैसला कमीशनखोरी के लिए है? क्या ऐसे महिलाएं आर्थिक रुप से होंगी मजबूत?”
कांग्रेस की सफाई
हालांकि, कांग्रेस ने इस पर सफाई देते हुए बीजेपी के आरोपों को खारिज किया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह सवाल खड़ा कर निचले स्तर की राजनीति कर रहे हैं. इस निर्णय में कहीं नहीं कहा गया है कि ऑटोमेटिक मशीन से निर्माण कराया जाएगा तो स्व सहायता समूह की बहनों से काम छीना जाएगा. जो समूह इन मशीनों को लगा सकते हैं वो अनवरत काम करते रहेंगे. ऑटोमेटिक मशीन से रेडी टू ईट निर्माण कराया जाएगा तो इसकी गुणवत्ता बढ़ेगी, समय पर उत्पादन हो सकेगा. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने गौठानों में समस्त उत्पादन के लिए महिला समूह को दिया है. ऑर्गेनिक खाद का निर्माण महिला समूह कर रही हैं. शासकीय योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है.
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