अंहकार से लबालब मोदी सरकार ने अब मान की किसान खालिस्तानी नही है : नींलु चंद्रवंशी

कवर्धा21 नवंबर (वेदांत समाचार)। जिला कांग्रेस अध्यक्ष नींलु चंद्रवंशी ने किसान विजय दिवस के रूप मे गांव गांव में रैली निकालकर मनाया गया। किसान विजय दिवस रैली को संबोधित करते हुए नींलु चंद्रवंशी ने कहा कि देश का अन्नदाता देश का किसान तीन काले कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉडर पर आंदोलन कर रहा है। इस आंदोलन के दौरान हर मौसम का मार झेल चुके किसानों की आज बड़ी जीत हुई है। चंद्रवंशी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जिस तरह किसानों पर तीन कृषि कानून को थोपा था, जिसका विरोध किसान के साथ देश की जनता ने किया, आज अगर तीन काले कृषि कानून को वापस लिया गया तो ये किसानों की एकता किसानों की न हराने वाली इच्छा शक्ति की जीत हुई है।

नींलु चंद्रवंशी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार उसी वक़्त हार गई थी जब आंदोलन करते किसान और केंद्र सरकार के बीच लगभग 10 से ऊपर बार बैठके हुई पर नतीजा नही निकल पाया। आज उसी हार को पुष्टि कृषि कानून की वापसी से स्पस्ट हो गई ओर हार उनकी भी हो गई जो आंदोलन करते किसानो को खालिस्तानी, नक्सल गुंडे, नकली किसान कहते रहे।

तीन काले कृषि कानून को लेकर लगातार काँग्रेस नेता राहुल गाँधी मोदी सरकार को कानून वापसी की बात कह रहे थे उन्होंने इसे किसानों को नुकसान पहुचाने वाला कानून बताया था । जिलाध्यक्ष चंद्रवंशी ने कहा कि जिन भाजपा नेताओं को राहुल गांधी के ट्रेक्टर में सोफा नजर आया उन्हें कृषि कानून में किसानों को नुकसान पहुँचाने वाली तथ्य क्यो नजर नही। आया केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने यहां तक कहा था किसी भी कीमत कृषि कानून वापस नही होगा। आज जब मोदी ने कानून वापसी की घोषणा की है तो नैतिकता के नाम कृषि मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।

चंद्रवंशी ने कहा कि कृषि कानून वापसी से किसानों का दर्द कम नही होगा। दिल्ली बॉडर पर किसान आंदोलन में लगभग 500 से अधिक किसानों की मौत हो गई, उनको मुआबजा बतौर एक एक करोड़ रुपया ओर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नोकरी दे मोदी सरकार।