कोरबा, करतला 20 नवम्बर (वेदांत समाचार) कोरबा सहित छत्तीसगढ़ वासियों की अगाध आस्था का केंद्र मां मड़वारानी का प्राचीन मंदिर कई मायनों में उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। मूल स्वरूप में मंदिर पहाड़ के ऊपर का है जबकि प्रतीकात्मक तौर पर माता की मूर्ति नीचे स्थापित कर आम लोगों के दर्शनार्थ रखा गया है। वर्षों पूर्व के मड़वारानी मंदिर के विकास की गाथा कुछ खास नहीं बल्कि आज भी मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के साथ ही इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। मंदिर को ट्रस्ट बनाने की कोशिश वर्षों से जारी है लेकिन अपनी-अपनी दुकानदारी चलाने की मंशा ने आज तक इसे ट्रस्ट बनने से रोक रखा है जबकि मड़वारानी के नीचे निवासरत करीब 8 गांव के लोगों ने प्रस्ताव पारित कर ट्रस्ट बनाने पर अपनी सहमति दी है। मड़वारानी मंदिर को न्यास(ट्रस्ट) के हवाले करने की कार्यवाही तत्कालीन कोरबा एसडीएम सुनील नायक ने प्रारंभ किया जो अब लंबित/अपरिहार्य कारणों से थमी है।
बता दें कि मड़वारानी परिसर में वर्तमान में तीन समितियां अलग- अलग मंदिरों के रखरखाव का कार्य कर रही हैं। ऊपर मे दो समिति तथा नीचे मे एक समिति मड़वारानी देवी के नाम पर अपनी-अपनी दुकानदारी चला रहे हैं लेकिन सुविधा के नाम पर दर्शनार्थियों को भटकते देखा जा सकता है। पहाड़ ऊपर मंदिर में एक कांग्रेस तो दूसरी समिति भाजपा की है। नीचे मंदिर में भी भाजपा का ही कब्जा है लेकिन समिति के पदाधिकारी अलग हैं।
मड़वारानी को ट्रस्ट बनाने की मांग को 1997 में तत्कालीन अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं जनपद पंचायत करतला के मुख्य कार्य पालन अधिकारी अशोक तिवारी ने गंभीरता से लिया था और एक अस्थायी समिति का गठन भी किया ताकि स्थाई रूप से न्यास बनने तक मंदिर तथा नवरात्रि मेला के संचालन में कोई बाधा उत्पन्न ना हो लेकिन तथाकथित अस्थायी समिति में कुछ राजनीतिक दल के लोग जुड़ गए और आज भी एक समिति में उन्हीं का वर्चस्व है। विगत वर्ष अनुविभागीय दंडाधिकारी सुनील नायक की पहल से मड़वारानी में ट्रस्ट बनाने की औपचारिकता प्रारंभ हुई जो लंबित है।
0 प्रभारी मंत्री को लखन ने सौंपा ज्ञापन
मड़वारानी ट्रस्ट के लिए पूर्व में भी क्षेत्रीय पत्रकारों ने मांग उठाई और अब भी प्रयासरत हैं। छग जर्नलिस्ट यूनियन करतला इकाई अध्यक्ष लखन गोस्वामी ने जनजागरण पदयात्रा में 18 नवम्बर को बरपाली पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम को ज्ञापन सौंपा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह बहुप्रतीक्षित मांग अब जल्द पूरी होगी। गोस्वामी ने कहा है कि गठित होने वाले ट्रस्ट में मड़वारानी के आसपास के गांवों के प्रबुद्ध नागरिकों को अवश्य शामिल किया जाना चाहिए जो भावनात्मक तथा भौगोलिक रूप से जुड़े हुए हैं। इसमें ग्राम खरहरी, बीरतराई, महोरा, झींका, सण्डैल, बरपाली, पुरैना, मड़वारानी, परसाभाठा, खरहरकुडा़ तथा नाका शामिल हैं।
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