19 नवंबर (वेदांत समाचार)। ‘मोना लिसा’ की पेंटिंग को को दुनिया की सबसे रहस्यमय और महंगी पेंटिंग माना जाता है. करीब 5 सदी पहले मशहूर पेंटर लिओनार्दो डा विंची ने इस पेंटिंग को बनाया था. Mona Lisa का मतलब My Lady बताया जाता है. डा विंची एक लेखक भी थे, लेकिन उन्होंने मोना लिसा के बारे में कुछ नहीं लिखा. कुछ रिसर्चर्स मानते हैं कि फ्लोरेंस की इटालियन महिला लिस घेरार्दिनी है तो कुछ रिसर्चर्स कहते हैं कि इस पेंटिंग में डा विंची ने खुद को एक लेडी के रूप में बनाया था.
लिओनार्दो डा विंची ने 1503 में यह पेंटिंग बनानी शुरू की थी, जो 1517 में बन कर तैयार हुई. यानी इसे बनाने में 14 साल लगे. कहा जाता है कि 12 साल तो केवल मोना लिसा के होठ बनाने में लग गए थे. कहा यह भी जाता है कि लियोनार्डो दा विंची ने इस तस्वीर को पूरा नहीं बनाया था. 1519 में उनकी मौत के बाद उनके सहयोगियों ने इसे पूरा किया. इसे पॉपुलर की लकड़ी पर ऑयल पेंट के साथ बनाया गया था. इस पेंटिंग की तस्वीरें भले ही बड़ी लगती हों, लेकिन ओरिजिनल पेंटिंग की साइज महज 30 बाय 21 इंच है, जबकि वजन 8 किलो.
यह पेंटिंग 21 अगस्त 1911 को रिस लुब म्यूजियम, पेरिस से चोरी हो गई थी. म्यूजियम के कर्मचारी विन्सेन्जो पेरुगिया ने इसे चुराया था और इटली ले जाना चाहते थे. वे इसे इटली की धरोहर मानते थे. हालांकि इटली से यह पेंटिंग वापस म्यूजियम में आ गई. हालांकि चोरी के लिए विन्सेन्जो को 6 महीने कैद की सजा सुनाई गई थी.
कहा जाता है कि लिओनार्दो डा विन्ची के ही स्टूडेंट रहे फ्रेंसिस्को मेल्जी ने ऐसी ही एक और पेंटिंग बनाई थी. इसे मोना लिसा की जुड़वा पेंटिंग कहा गया, जो स्पेन की राजधानी मैड्रिड के म्यूसेओ दे प्रादों में रखी गई है. 1514 -1516 के बीच एक और स्टूडेंट ने मोना लिसा का एक न्यूड वर्जन भी बनाया था, जिसे मोन्ना वान्ना कहा जाता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोना लिसा की रहस्यमय मुस्कान और सुंदरता की दीवानगी में फ्रांस के एक आर्टिस्ट luc maspero ने 23 जून 1852 को पेरिस के होटल की छत से कूद कर खुदकुशी कर ली थी. इस पेंटिंग को कई बार नुकसान पहुंचाने की भी कोशिशें हुईं. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पेंटिंग को 6 बार इसकी मूल जगह से बदला गया. कभी इस पर पत्थर फेंके गए तो कभी एसिड. ऐसी घटनाओं को देखते हुए इसे बुलेट प्रूफ फ्रेम में रखा गया.
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