बिहार19 नवंबर (वेदांत समाचार)। मधुबनी में जज के साथ मारपीट की घटना सामने आई है. जहां झंझारपुर कोर्ट के जज अविनाश कुमार पर उनके केबिन में 2 पुलिसकर्मियों ने पिस्टल की नोंक पर जज के साथ मारपीट की. इसके बाद जब हो हल्ला हुआ तो वहां वकील पहुंचे, इसके बाद वकीलों ने उन्हें पुलिसकर्मियों से बचाया. बताया जा रहा है कि दोनों ही पुलिसकर्मी घोघरडीहा थाने में तैनात हैं. ऐसे में दोनों के नाम SHO गोपाल प्रसाद और SI अभिमन्यु कुमार हैं. फिलहाल दोनों ही एक शिकायत पर चल रही सुनवाई में जज के सामने पेश हुए थे.
दरअसल, इस घटना से पहले भी जज अविनाश कुमार अपने फैसले को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं. वहीं, इससे पहले सितंबर महीने में मधुबनी के झंझारपुर कोर्ट के जज अविनाश कुमार ने महिला के साथ छेड़छाड़ के आरोपी को अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोने और उन्हें प्रेस करने का आदेश दिया था. इस दौरान आरोपी के यह सेवा लगातार 6 महीने तक निशुल्क देनी थी. साथ ही गांव के सरपंच उन पर निगरानी करेंगे. इस आदेश के 6 महीने बाद उसे निशुल्क सेवा का प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में जमा करना होगा. बता दें कि आरोपी 20 साल का है और पेशे से धोबी का काम करता है.
SP को भेजा जाए ट्रेनिंग पर- जज अविनाश कुमार
बता दें कि बीते जुलाई महीने में झंझारपुर कोर्ट के जज अविनाश कुमार ने भैरवस्थान थाना इलाके में एक लड़की के अपहरण के केस पुलिस की ओर से सही धारा न लगाने पर सख्त रवैया अपनाया था. इस दौरान कोर्ट ने जिले के SP, DSP और इंस्पेक्टर समेत 1 न्यायिक अधिकारी से भी सवाल पूछे थे. वहीं, ADG कोर्ट ने भैरवस्थान थाने में दर्ज एक FIR पर सवाल उठाए और पूछा कि इसमें धारा 376, पॉक्सो एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 नहीं लगाई गई है.
इस पर नाराज कोर्ट ने जिले के SP के खिलाफ DGP, Home Secretary राज्य और केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. इस दौरान कोर्ट ने लिखा था कि मधुबनी के SP को कानून की धारा लगाने की सही जानकारी नहीं है. ऐसे में उन्हें IPS ट्रेनिंग सेंटर देहरादून और हैदराबाद में प्रशिक्षण के लिए दोबारा भेजा जाए.
2 आरोपियों के फ्री में 5 SC बच्चों को 6 महीने तक दूध देने की शर्त पर दी बेल
गौरतलब है कि झंझारपुर कोर्ट ने सितंबर महीने में एक मामले के फैसले में आरएस ओपी थाने में आरोपी शिवजी मिश्र और अशोक मिश्र को जमानत देने के लिए 5 दलित बच्चों को आधा लीटर दूध 6 महीने तक निशुल्क में देने की शर्त के साथ जमानत देने की अर्जी दी थी. हालाकि वे दोनों आरोपी मारपीट के एक मामले में जेल में बंद थे. वहीं, पीड़ित भगवान कुमार झा ने दोनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. इस दौरान कोर्ट ने अपने आदेश में शिवजी मिश्रा को निर्देश दिया कि दलित बच्चों को आगामी 6 महीने तक आधा-आधा लीटर दूध निशुल्क देना होगा.
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