भारत के साथ कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों को परस्पर मान्यता देने पर अब तक 110 देश सहमति जता चुके हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में जानकारी शेयर करते हुए अहम बात कही. सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार बाकी देशों के संपर्क में है, ताकि दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों को मान्यता दी जा सके, जिससे शिक्षा, व्यवसाय और पर्यटन उद्देश्यों के लिए यात्रा आसान हो सके. आधिकारिक सूत्रों ने ये भी कहा कि फिलहाल 110 देश टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर सहमत हुए हैं. ऐसे में देश के लिए ये कोविड के खिलाफ अभियान जीत की ओर है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कुछ ऐसे देश हैं जिनका भारत के साथ राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त या डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों से कराए गए टीकाकरण के प्रमाणपत्रों को पारस्परिक मान्यता देने को लेकर समझौता है. इसी तरह, ऐसे देश भी हैं जिनका फिलहाल भारत के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है, लेकिन वे उन भारतीय नागरिकों को छूट देते हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त या डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों से टीकाकरण करा चुके हैं.
कितनी प्रभावी कोवैक्सीन
भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है. कोवैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण 130 कोविड मामलों पर किया गया. रिसर्च मैगजीन ‘लैंसेट’ में प्रकाशित आंकड़ों में हाल ही में ये जानकारी सामने आई. आंकड़ों के अनुसार कोवैक्सीन टीका बिना किसी लक्षण वाले मरीजों को 63.6 प्रतिशत की सुरक्षा प्रदान करता है.
डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ इतनी असरदार
भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभावी रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2 प्रतिशत और सार्स-सीओवी-2 वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ 70.8 प्रतिशत कारगर है. कोवैक्सीन के प्रभावकारिता विश्लेषण के अनुसार देश में निर्मित यह टीका कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी है.
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