महिला की मुखबिरी ने कत्ल कराईं दो बेकसूर महिलाएं और कोठी से लुटवा डाले 90 लाख रूपए, डबल मर्डर में बचने की हर जुगत हुई फेल..

18 नवंबर (वेदांत समाचार)। दो दिन पहले दिल्ली के पॉश इलाके जंगपुरा एक्सटेंशन स्थित एक घर में हुई दो महिलाओं की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. लूट और डबल मर्डर के आरोप में पांच बदमाशों की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तारी घटनास्थल वाले मकान के पड़ोस में लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से संभव हो सकी. आरोपियों में से ही एक की महिला रिश्तेदार ने साल भर पहले सुराग दिया था कि, संबंधित (जिसमें लूट और डबल मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया) घर के भीतर हर वक्त करोड़ों रुपए की नकदी और जेवरात मौजूद रहता है.

दोहरे हत्याकांड और लूट के आरोप में गिरफ्तार बदमाशों का नाम प्रशांत, सचित, अनिकेत, रमेश व धनंजय है. ये सभी आपस में दोस्त हैं. इन सबने मिलकर पहली बार किसी जघन्य हत्याकांड और लूट की वारादात को अंजाम दिया था. जिसमें सबके सब पकड़े भी गए. पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हत्यारों में से एक की महिला रिश्तेदार इसी घर में नौकरी करती थी. बाद में उसने नौकरी करना छोड़ दिया. उसी महिला ने लुटेरों में से एक अपने रिश्तेदार को इशारा किया था कि, वो इस घर को टारगेट कर सकते हैं.

डबल मर्डर और डकैती की जड़ में महिला

महिला नौकरानी ने ही डबल मर्डर के आरोप में गिरफ्तार सचित सक्सेना से मुखबिरी करते हुए यह भी बताया था कि, इस घर को आसानी से टारगेट किया जा सकता है. घर के अंदर करोड़ों की नकदी और जेवरात हर वक्त मौजूद रहते हैं. इस सब पता लगने के बाद से ही पांचों आरोपी शिकार को हलाल करने की जुगत तलाशने में जुट गए थे. आरोपियों को अंदेशा था कि वे अगर आम आदमी की मानिंद घर पर धावा बोलेंगे तो पहचान लिए जाएंगे. लिहाजा लुटेरों ने खुद की पहचान छिपाने के लिए बदन पर ‘हुडी’ पहन लीं. ताकि बदन से लेकर चेहरा तक पहचान में न आए.

इसके बाद आरोपियों ने सबसे पहले घर के दरवाजे पर लगे सीसीटीवी को नष्ट किया. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी घर में मौजूद सीसीटीवी फुटेज के डीवीआर को भी साथ ले गए. ताकि उनकी पहचान का कोई सबूत ही न बचे. इसके बाद भी वे यह भूल गए थे कि पड़ोस के मकान में लगाए गए सीसीटीवी फुटेज में उनकी वीडियो कैप्चर हो गई है. बस यही भूल इन हत्यारों और लुटेरों को पुलिस की गिरफ्त में कसवाने में रामबाण साबित हुई.

Delhi Police

हत्यारों-डकैतों की बचने की हर जुगत ढेर

हालांकि मास्टरमाइंड लुटेरों ने पुलिस से बचने के लिए अपने अपने मोबाइल फोन तक साथ में नहीं रखे थे, ताकि पुलिस को उनकी कोई लोकेशन ही ट्रेस न हो सके. इसके बाद भी मगर वे सीसीटीवी फुटेज की मदद से धर लिए गए. पांचों हत्यारों ने कबूला है कि, कोठी में घुसने से पहले ही उन्होंने यह भी तय कर लिया था कि, वारदात को अंजाम देने में घर के अंदर मौजूद जो भी इंसान बीच में अड़ंगा बनेगा, उसे बेहिचक कत्ल कर डाला जाएगा.

हत्यारों ने किया भी वैसा ही जैसा प्लान बनाया था. कोठी में जब वे घुसे तो उनका सामना घर के अंदर मौजूद दो नौकरानियों (उजाला और मीना) से बारी-बारी से हुआ. लिहाजा लुटेरों ने दोनो ही नौकरारियों को कत्ल कर डाला. उसके बाद 90 लाख रुपए नकद और जेवरात लूटकर मौके से फरार हो गए. सबूत मिटाने की मंशा से हत्यारे घर में रखे डीवीआर को भी तोड़ कर साथ ले गए. ताकि पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिले ही नहीं.

यूपी के बरेली जिले का सचित सक्सेना मास्टरमाइंड

पुलिस के पता चला है कि डबल मर्डर और लूट की इस जघन्य वारदात का मास्टरमाइंड सचित सक्सेना है. क्योंकि उसी की महिला रिश्तेदार इस कोठी में नौकरी करती थी. यह बात दो साल पहले ही है. उसके बाद उस महिला ने वहां से नौकरी छोड़ दी. इसी पूर्व महिला नौकरानी ने सचित को घर में भारी भरकम रकम और जेवरात हर वक्त रखे होने की बात का इशारा किया था. पता चला है कि कोठी में घुसने से पहले सबने तय किया था कि वारदात को अंजाम देने के वक्त कोई भी आपस में एक दूसरे को नाम से नहीं बुलाएगा.

सब एक दूसरे को कोडवर्ड से बुलाएंगे. यह कोडवर्ड पांचों बदमाशों ने 1,2,3,4 और 5 रखे थे. इसके पीछे बदमाशों की मंशा थी कि घर में मौजूद कोई भी जिंदा बचा शख्स उनमें से किसी का भी नाम न सुन ले. क्योंकि इससे आरोपियों के पकड़े जाने की संभावना बन सकती थी. पुलिस का दावा  है उसने कोठी से लूटी गई रकम 90 लाख रुपए, 7 मोबाइल फोन, घटनास्थल से उखाड़ा गया सीसीटीवी का डीवीआर भी बदमाशों के कब्जे से बरामद कर लिया है.

सभी पांच हत्यारे-डकैत महज 12वीं जमात पास

गुरुवार को इन तमाम तथ्यों की पुष्टि दक्षिण-पूर्वी दिल्ली जिले की डीसीपी ईशा पाण्डेय ने की. डीसीपी के मुताबिक हत्या और डकैती के आरोपियों में गिरफ्तार प्रशांत वशिष्ठ (22) भोगल दिल्ली का ही रहने वाला है. वो 12वीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद एक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता है.  बारहवीं कक्षा पास सचित सक्सेना यूपी के बरेली जिले का रहने वाला है. सचित को ही उसकी परिचित महिला से जो कोठी के भीतर दो साल पहले नौकरानी का काम किया करती थी, अंदर की सब बातें हाथ लगी थीं.

वो पुलिस टीम जिसने तबाह कर दिया गैंग

इस सनसनीखेज कांड का मास्टरमाइंड बरेली का मूल निवासी सचित सक्सेना ही है. डीसीपी ईशा पाण्डेय ने आगे बताया, “गिरफ्तार डबल मर्डर और डकैती का तीसरा आरोपी अनिकेत झा 12वीं पास है. वो इन दिनों चिराग दिल्ली में रहता था. चौथा आरोपी रमेश भी 12वीं पास है और फिलहाल दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके में रह रहा था. पांचवा हत्यारोपी धनंजय गुलिया है. धनंजय भी 12वीं पास है. वो भी चिराग दिल्ली का ही रहने वाला है.” दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली जिला डीसीपी (उपायुक्त) ईशा पाण्डेय के मुताबिक, “इस सनसनीखेज डबल मर्डर और डकैती की वारदात को खोलने के लिए कई टीमों का गठन किया गया था.”

इन टीमों में जिला ऑपरेशन सेल के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मनोज सिंहा, एसएचओ इंस्पेक्टर थाना हजरत निजामुद्दीन किशोर कुमार, मामले के तफ्तीशी अफसर इंस्पेक्टर रामबीर शर्मा, जिला स्पेशल स्टाफ इंस्पेक्टर (प्रभारी) यशवीर सिंह, सब इंस्पेक्टर मनोज भास्कर, सब इंस्पेक्टर मंजूर आलम, सहायक उप-निरीक्षक श्यामवीर शामिल किए गए . जिला डीसीपी ईशा पाण्डेय के निर्देशन में गठित इन टीमों में  हवलदार प्यारे लाल, नवीन (हवलदार), सिपाही विपिन, सोनू कुमार, परवेश (सभी सिपाही CDR Cell) शामिल किए गए थे. पड़ताल में हजरत निजामुद्दीन थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर पुलिस चौकी जंगपुरा अमित, सब इंस्पेक्टर नागेंद्र, हवलदार नीरज, सिपाही संजय, जगवीर को भी हत्यारों-डकैतों को दबोचने के काम में जुटाया गया था

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