कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की ओर से संसद एवं विधानसभाओं में गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए अलग से समय निर्धारित करने की जरूरत पर जोर दिए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर कटाक्ष करते हुए सवाल किया. उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री संसद के भीतर ऐसी चर्चा में कभी भाग लेंगे?
पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘यह पढ़ना दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री ने संसद में गुणवत्तापूर्ण चर्चा की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि गुणवत्तापूर्ण चर्चाओं के लिए अलग से समय तय किया जाए. सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री संसद में होने वाली चर्चा में कभी भाग लेंगे?’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था ये
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 82वें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए सदनों में स्वस्थ व गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए अलग से समय निर्धारित करने का विचार साझा किया और कहा कि ऐसी चर्चाओं में मर्यादा व गंभीरता का पूरी तरह से पालन हो. और कोई किसी पर राजनीतिक छींटाकशी ना करे. उन्होंने कहा, ‘‘एक तरह से वह सदन का सबसे स्वस्थ समय हो, स्वस्थ दिन हो.’’
पीएम मोदी ने कहा था- 25 साल बहुत अहम
वहीं सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संबोधन में इसी प्रकार के विचार व्यक्त करते हुए देश के सभी विधायी निकायों के कानूनों एवं प्रक्रियाओं में एकरूपता पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ अगले 25 वर्ष, भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इस दौरान क्या हम एक मंत्र को पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपना सकते हैं? क्या हम इसमें एक ही मंत्र को चरितार्थ कर सकते हैं… कर्तव्य, कर्तव्य और कर्तव्य.’’
एक साथ काम किया जा सकता
प्रधानमंत्री ने लोकतांत्रिक आदर्शों और मूल्यों को परिलक्षित करने वाली दुनिया के निर्माण तथा देशों की सुरक्षा व समृद्धि के लिए इसे अहम बताया. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत के इस अनुभव से विश्व के देशों व उसके लोगों को सशक्त करने तथा उन्हें इस शताब्दी के अवसरों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से, एक साथ काम किया जा सकता है.
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