“मीडिया में रहने के लिए कुछ भी बोलती हैं कंगना”, महात्मा गांधी और आजादी वाले विवादित बयान पर बोले CM भूपेश बघेल

अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाली एक्ट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ लगातार विरोध के सुर उठ रहे हैं (Kangana Ranaut Controversial Statement). हाल ही में दिए महात्मा गांधी और ‘भीख’ में मिली आजादी वाले बयान को लेकर अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने भी तंज कसा है. बघेल ने कहा कि वो मीडिया में रहने के लिए कुछ भी बोलती हैं.

दरअसल कंगना ने हाल ही में दावा किया था कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी से कोई समर्थन नहीं मिला. उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि दूसरा गाल आगे करने से ‘भीख’ मिलती है न कि आज़ादी. जिस पर बवाल मचा हुआ है. इस पर सीएम बघेल ने कहा कि वो मीडिया में रहने के लिए कुछ भी बोलती हैं. मैं समझता हूं कि ऐसी मानसिक स्थिति के लोगों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए.

जब मोदी सरकार सत्ता में आई तब मिली असली आजादी

अभिनेत्री कंगना रनौत ने हाल ही में दावा किया कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी से कोई समर्थन नहीं मिला. उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि दूसरा गाल आगे करने से ‘भीख’ मिलती है न कि आज़ादी. कंगना ने कहा कि 1947 में भारत को आज़ादी नहीं, बल्कि ‘भीख’ मिली थी, असली स्वतंत्रता 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई.

रनौत ने ‘इंस्ट्राग्राम’ पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर महात्मा गांधी को निशाना बनाया और कहा कि ‘अपने नायकों को समझदारी से चुनो.”
अभिनेत्री ने एक अखबार की पुरानी कटिंग साझा की थी जिसकी सुर्खी है, “गांधी, अन्य नेताजी को सौंपने के लिए सहमत हुए थे. ” खबर में दावा किया गया है था कि गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ सहमति बनी थी कि यदि बोस देश में प्रवेश करते हैं तो वे उन्हें सौंप देंगे. रनौत ने अखबार की कटिंग के साथ लिखा है, “ या तो आप गांधी के प्रशंसक हैं या नेताजी के समर्थक हैं. आप दोनों एक साथ नहीं हो सकते हैं… चुनो और फैसला करो.”

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