भारतीय प्रेस परिषद ने बिहार के एक पत्रकार की मौत के मामले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया है और राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है. पीसीआई ने एक आधिकारिक बयान में अध्यक्ष न्यायमूर्ति सी के प्रसाद ने पत्रकार अविनाश झा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर चिंता व्यक्त की हैं और स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति प्रसाद ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है.
बिहार पुलिस ने बुधवार को मधुबनी के पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ के अपहरण और हत्या के मामले का खुलासा करने का दावा करते हुए कहा कि उनकी हत्या ‘‘प्रेम त्रिकोण’’ के कारण की गई. पुलिस अब तक एक महिला समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
अवैध क्लीनिक चलाने वालों पर हत्या का आरोप
पुलिस झा के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच कर रही है कि अवैध क्लीनिक संचालित करने वाले गिरोह ने उनकी हत्या की क्योंकि झा अक्सर ऐसे प्रतिष्ठानों की अवैध गतिविधियों के बारे में लिखते थे. स्थानीय न्यूज वेबसाइट के लिए काम करने वाले झा को आखिरी बार नौ नवंबर को देखा गया था और शुक्रवार को उनका अधजला शव सड़क के किनारे मिला था. भारतीय प्रेस परिषद ने त्रिपुरा पुलिस द्वारा दो महिला पत्रकारों- समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा की गिरफ्तारी का भी संज्ञान लिया और इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा हैं.
पुलिस बता रही प्रेम प्रसंग में हुई हत्या
बता दें कि बिहार के मधुबनी जिले के पत्रकार अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ का अधजला शव शुक्रवार को मिला था. जिले के एक गांव में 22 वर्षीय पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता का शव बरामद किया गया था. पत्रकार बुद्धिनाथ को चार दिन पहले अगवा किया गया था. इसके बाद उनकी हत्या कर शव को जलाकर सड़क किनारे फेंक दिया गया था. बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा एक स्थानीय समाचार पोर्टल में काम करते थे. उनकी हत्या की जांच कर रही पुलिस ने दावा किया है कि उनकी हत्या प्रेम प्रसंग में हुई है. पुलिस ने इस मामले में छह लोगों की गिरफ्तार भी किया है. पुलिस हत्या की वजह त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग बता रही है. जबकि पत्रकार के परिजन इससे इंकार कर रहे हैं. उनका आरोप है कि बुद्धिनाथ की हत्या करने वाले मेडिकल माफिया को बचाने के लिए पुलिस ये कहानी बना रही है
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