महाराष्ट्र में हिंसा की ज़िम्मेदार समझी जा रही रज़ा अकादमी के कार्यालय पर छापा; मालेगांव दंगा पूर्व नियोजित था, विधायक मुफ्ती का दावा…

महाराष्ट्र 17 नवंबर (वेदांत समाचार)। बांग्लादेश में हुए हिंदुओं पर हमले के विरोध में किए गए त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन के वक़्त मस्जिदों को जलाए जाने की अफ़वाह से महाराष्ट्र में जो हिंसा हुई, बीजेपी इसके लिए रज़ा अकादमी संस्था को ज़िम्मेदार ठहरा रही है और इसके ख़िलाफ़ प्रतिबंध की मांग कर रही है. इसी पृष्ठभूमि में आधी रात रज़ा अकादमी के कार्यालय पर पुलिस ने छापा मारा और कुछ दस्तावेज़ बरामद किए.

मालेगांव में रज़ा अकादमी और ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा ने बंद का आह्वान किया था. हजारों की तादाद में लोगों को लेकर रैली निकाली गई थी. इस रैली में जम कर हिंसा हुई. दुकानें जलाई गईं. पत्थरबाजी और तोड़फोड़ में लाखों की संपत्तियों का नुकसान हुआ. इस मामले में आयोजकों पर सिर्फ केस दर्ज हुआ था. पुलिस द्वारा और कोई भी कार्रवाई नहीं की गई थी. बीजेपी इस बात को लेकर लगातार कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग कर रही थी. पुलिस की भूमिका पर स्थानीय विधायक भी सवाल उठा रहे थे. इसके बाद आधी रात को आज पुलिस ने रज़ा अकादमी के कार्यालय पर छापेमारी की है और कुछ दस्तावेज़ बरामद किए हैं.

क्या एनसीपी नेता अयाज हलचल हैं दंगे के असली सूत्रधार?

मालेगांव में जो हिंसा हुई, वह सुनियोजित थी. ऐसे तथ्य विधायक मौलाना मुफ्ती की ओर से सामने लाए गए हैं. एनसीपी नेता और नगरसेवक अयाज हलचल ने एक आपत्तिजनक वीडियो तैयार किया और उसे सोशल मीडिया में वायरल किया. वीडियो में कहा गया कि त्रिपुरा में मुसलमानों के साथ अत्याचार हो रहा है. वहां सरकार ने हथियार डाल दिए हैं. ऐसे मैसेजेस के साथ यह क्लिप अन्य चार लोगों की मदद से अलग-अलग ग्रुप पर फॉरवर्ड किए गए. यह घटना 8 नवंबर की है. इस मामले में पुलिस ने अयाज हलचल को अरेस्ट भी किया है. अन्य 42 लोगों पर भी कार्रवाई की गई है. पुलिस दंगे के सूत्रधार की तलाश कर रही है.

विधायक मौलाना मुफ्ती ने लगाए अयाज़ हलचल पर गंभीर आरोप

मालेगांव दंगे की गहराई से जांच की जाए, यह मांग विधायक मौलाना मुफ्ती ने की है. उन्होंने कहा, ‘मालेगांव में सुनियोजित तरीके से दंगे भड़काए गए. आठ दिनों पहले एनसीपी नेता और नगरसेवक अयाज हलचल ने त्रिपुरा की घटना को लेकर एक मीटिंग की. भड़काऊ भाषण किए. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.’

‘रज़ा अकादमी ने लोगों को पैसे बांटे’

विधायक मौलाना मुफ्ती का आरोप है कि, ‘दंगे के मामले में अरेस्ट किया गया एक शख्स एनसीपी से संबंधित है. एक फरार संदिग्ध जनता दल से संबंधित है. मुंबई से रज़ा अकादमी के कुछ लोगों ने इसके लिए पैसे बांटे. दंगे के एक दिन पहले की रात दंगाइयों ने पत्थर जमा कर लिए थे. बीस सालों से मालेगांव शांत है. ये सब कुछ लोगों की सुनियोजित तरीके से की गई कारस्तानी है.’ दूसरी तरफ एनसीपी नेता नवाब मलिक ने दंगे भड़काने का आरोप बीजेपी के नेताओं पर लगाया है.

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