16 नवंबर (वेदांत समाचार)। मुंबई के कांजुरमार्ग में भीषण आग लग गई .यह आग हेवी इंडस्ट्रियल स्टेट में लगी. कांजुरमार्ग पूर्व में पुलिस स्टेशन के पास सैमसंग कंपनी के इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के सर्विस सेंटर में यह आग लगी.आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की 12 गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंच गईं. आग बुझाने के लिए पानी के चार टैंकर भी भेजे गए. आग रात 8 बज कर 45 मिनट पर लगी .
घटनास्थल डब्बावाला कंपाउंड और एपेक्स कंपाउंड के पास मौजूद है. पास में ही एक रिहाइशी बस्ती है. कुछ देर पहले तक आग लगने वाली जगह से सिलेंडर ब्लास्ट जैसी आवाजें सुनाई दे रही थीं. रात के करीब पौने ग्यारह बजे आग पर नियंत्रण पाया जा सका है. लेकिन पूरी तरह से आग अभी भी नहीं बुझी है.आग बुझाने काम जारी है. लेकिन हालात काबू में आ चुके हैं.
रात 8 बज कर 45 मिनट पर लगी आग, आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं
ऑनलाइन डिलिवरी के लिए के लिए जो ऑर्डर आते हैं उन इलेकट्रॉनिक वस्तुओं को यहां रखा जाता है. यानी गोदाम के तौर पर इस जगह का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की रिपेयरिंग के लिए यहां सामान लाए जाते हैं.फिलहाल आग क्यों लगी और लगने के बाद आग ने इतना विकराल रूप कैसे धारण कर लिया, इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है.
डीसीपी प्रशांत कदम (जोन-7) ने इस घटना के बारे में बताया कि, ‘ हमें रात 9 बजे कांजुरमार्ग ईस्ट सैमसंग सर्विस सेंटर में आग लगने की सूचना मिली. शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की खबर थी. यहां 10 से 12 दमकल की गाड़ियां मौजूद हैं. स्थानीय लोगों को कहीं और शिफ्ट करवा दिया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.’
सैमसंग सर्विस सेंटर के अलावा यहां सफोला एडिबल ऑयल का भी गोदाम मौजूद
सेैमसंग के सर्विंग सेंटर के पास ही यहां अन्य तीन कंपनियों के गोदाम भी मौजूद हैं. इनमें से एक सफोला एडिबल ऑयल का गोदाम भी है. थोड़ी देर पहले तक यानी रात के 10 से 11 बजे तक आग की लपटें काफी ऊंचाई तक जाती हुई दिखाई दे रही थीं. आग के इस विकराल रूप को देख कर स्थानीय लोगों में डर का माहौल है.
अब तक कोई जीवित हानि नहीं हुई, ना ही किसी के जख्मी होने की खबर
अब तक किसी तरह की जीवित हानि की कोई खबर नहीं है. कांजुरमार्ग के पास एक झोपड़पट्टी भी है. एहतियात के तौर पर झोपड़पट्टी से आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया गया था. आग पर नियंत्रण पाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया गया . दमकलकर्मियों ने काफी कोशिशें कर के रात पौने ग्यारह तक किसी तरह से स्थिति को नियंत्रण में लाया. आग पर जल्दी से जल्दी काबू पाने की जरूरत थी. क्योंकि अगर आग पर जल्दी नियंत्रण नहीं पाया जाता तो पास के रिहाइशी इलाके तक इसके फैलने का खतरा था.
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