13 नवंबर (वेदांत समाचार)। 2016 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया था. इस, फैसले के बाद बिहार में शराब की बिक्री, शराब पीना पिलाना और इसे बनाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई. तब सरकार के इस निर्णय की खूब प्रसंसा हुई थी. खासकर महिलाओं ने इसे खूब सराहा था. इससे पहले महिलाओं ने ही नीतीश कुमार से शराबबंदी करने की मांग की थी. जिसे राज्य में लागू कर दिया गया. लेकिन राज्य में शराबबंदी का कड़ा कानून होने के बावजूद लोग इसे पीने से बाज नहीं आ रहे हैं. पिछले दिनों जिस तरह जहरीली शराब पीने से 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है उसके बाद राज्य में शराबबंदी पर विपक्ष सवाल उठा रहा है और इसे पूरी करह से विफल बता रहा है.
इधर लगातार हो रही मौत के बाद अवैध शराब के खिलाफ पुलिस एक्शन में है. लेकिन पुलिस के सख्त होने के बावजूद शराब तस्करों के हौसले बुलंद हैं. इसकी तस्दीक होती है बिहार पुलिस के द्वारा जारी एक रिपोर्ट से. जिसमें बिहार पुलिस ने अधिकारिर तौर पर बताया है कि जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक राज्य मद्य निषेध एवं उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2018 के तहत विशेष छापेमारी करके विभिन्न जिलों में कुल 49,900 मामले दर्ज किए गए हैं. शुक्रवार को राज्य पुलिस ने बताया कि सूबे में कुल 38,72,645 लीटर अवैध शराब बरामद और जब्त की गई है.
38,72,645 लीटर अवैध शराब बरामद
बिहार पुलिस ने एक अधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि राज्य में कुल 12,93,229 लीटर देशी शराब और 25,79,415 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई है. पुलिस ने कहा कि इस अभियान के दौरान, राज्य में 62,140 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 12,200 वाहन जब्त किए गए हैं. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 62,140 लोगों में 1590 लोग दूसरे राज्य के नागरिक हैं. शराब मामले में सबसे ज्यादा 6855 लोगों की गिरफ्तारी पटना से हुई है. तो वहीं सारण में 3872, मोतिहारी में 2832 , नवादा में 2814 और मुजफ्फरपुर में 2660 से गिरफ्तारियां हुई है.
बात अगर सबसे ज्यादा अवैध शराब जब्त करने की करें तो सबसे ज्यादा वैशाली में 45,63,59 लीटर, पटना में 35,00,85 लीटर मुजफ्फरपुर में 3,25,42 लीटर, औरंगाबाद में 23,25,42 लीटर और मधुबनी में 223767 लीटर शराब बरामद किया गया है
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