कौन थीं खूबसूरत और बहादुर गोंड रानी कमलापति जिनके नाम से जाना जाएगा एयरपोर्ट जैसा हबीबगंज स्टेशन?

Madhya Pradesh Habibganj Station Name to Rani Kamlapati: एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं के साथ हाल ही में बनकर तैयार हुआ मध्य प्रदेश का वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज भोपाल की अंतिम गोंड शासक रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा. मध्य प्रदेश परिवहन विभाग की तरफ से इस संबंध में गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है. इस नाम का पहले से कोई स्टेशन न हो, इसके लिए गृह मंत्रालय रेलवे से सहमति लेगा और फिर नाम बदलने के लिए उसे निर्देशित करेगा.

हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखने का फैसला उनकी वीरता और पराक्रम को देखते हुए लिया गया है. 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल के इस रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करेंगे. रानी कमलापति के बारे में बहुत सारे लोगों को मालूम नहीं होगा! हमारा देश वीरांगनाओं से समृद्ध रहा है. इन्हीं वीरांगनाओं में से एक रानी कमलापति भी हैं.

कौन थीं रानी कमलापति?

रानी कमलापति 18वीं शताब्दी की गोंड रानी थीं. उस वक्‍त गिन्नौरगढ़ के मुखिया थे निजाम शाह, जिनकी 7 पत्नियां थीं. खूबसूरत और बहादुर रानी कमलापति इन्हीं में से एक थीं और वह राजा को सबसे ज्यादा प्रिय थीं. उस दौरान बाड़ी पर निजाम शाह के भतीजे आलम शाह का शासन था. आलम की नजर निजाम शाह की दौलत और संपत्ति पर था. कमलापति की खूबसूरती से प्रभावित होकर उसने रानी से प्रेम का इजहार भी किया था, लेकिन रानी ने उसे ठुकरा दिया.

पति की हत्या के बाद बदले की ठानी

अपने चाचा निजाम शाह की हत्या के लिए भतीजा आलम शाह लगातार षड्यंत्र रचना रहता था. एक बार मौका पाकर दसने राजा के खाने में जहर मिलवा कर उसकी हत्या कर दी. उससे रानी और उनके बेटे को भी खतरा था. ऐसे में रानी कमलापति अपने बेटे नवल शाह को गिन्नौरगढ़ से भोपाल स्थित रानी कमलापति महल ले आईं. रानी कमलापति अपने पति की मौत का बदला लेना चाहती थीं. लेकिन दिक्कत ये थी कि उनके पास न तो फौज थी और न ही पैसे थे.

एक लाख रुपये की कीमत पर मिली मदद

इतिहासकारों के अनुसार, रानी कमलापति ने दोस्त मोहम्मद खान से मदद मांगी. वह मदद को तैयार तो हो गया, लेकिन इसके एवज में उसने रानी से एक लाख रुपये की मांग कर दी. रानी कमलापति को बदला लेना था, सो पैसे न रहते हुए भी उन्होंने हामी भर दी. दोस्त मोहम्मद खान कभी मुगल सेना का हिस्सा हुआ करता था. लूटी हुई संपत्तियों के हिसाब में गड़बड़ी के बाद उसे सेना से निकाल दिया गया था. फिर उसने भोपाल के पास जगदीशपुर में अपनी सत्ता स्थापित कर ली थी.

आखिरकार रानी कमलापति ने ले लिया पति की हत्या का बदला

कमलापति के साथ दोस्त मोहम्मद ने निजाम शाह के भतीजे बाड़ी के राजा आलम शाह पर हमला कर उसकी हत्या कर दी और इस तरह कमलापति ने अपने पति की हत्या का बदला ले लिया. हालांकि करार के मुताबिक, रानी के पास दोस्त मोहम्मद को देने के लिए एक लाख रुपये नहीं थे. उस वक्त एक लाख रुपये बहुत होते थे. ऐसे में रानी ने भोपाल का एक हिस्सा उसे दे दिया. लेकिन रानी कमलापति के बेटे नवल शाह को यह रास नहीं आया. ऐसे में नवल शाह और दोस्त मोहम्मद के बीच लड़ाई हो गई. बताया जाता है कि दोस्त मोहम्मद ने नवल शाह को धोखे से जहर देकर मार दिया.

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