बकाया चार हजार करोड़ रुपये और बारदानें पर बनी बात..

 रायपुर 12 नवंबर (वेदांत समाचार)। केंद्रीय पूल में जमा किए गए का बकाया चार हजार करोड़ रुपये राज्य को देने के लिए केंद्र सरकार राजी हो गई है। दिल्ली में गुरुवार को राज्य व केंद्र सरकार के अफसरों के बीच हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है। केंद्र के अफसरों ने राज्य को जूट बारदानों की आपूर्ति बढ़ाने का भी भरोसा दिलाया है। बारदानें की कमी दूर करने के लिए राज्य को प्लास्टिक बारदाने की खरीदी की अनुमति देने के लिए भी केंद्र सरकार राजी हो गई है, लेकिन उसना चावल को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ है.

राज्य के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि राज्य व केंद्र सरकार के अफसरों की बैठक में कई मुद्दों सहमति बन गई है, लेकिन केंद्रीय पूल में अरवा के साथ ही उसना चावल जमा करने की अनुमति अभी नहीं मिली है। बता दें कि धान खरीदी और केंद्रीय पूल में चावल जमा करने से संबंधित विभिन्न् मुद्दों को लेकर भगत ने केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन समय नहीं मिला। इस बीच भगत गोयल से मुलाकात की उम्मीद में बुधवार को विभागीय अफसरों के साथ दिल्ली चले गए। अफसरों के अनुसार गोयल ने अब तक समय नहीं दिया है, लेकिन अफसरों की बैठक में राज्य के सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है।

अफसरों के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्य से इस बार 61.65 लाख टन केवल अरवा चावल लेने की सहमति दी है। केंद्र सरकार अब तक अरवा के साथ उसना चावल भी केंद्रीय पूल में लेती रही है, लेकिन इस बार उसना जमा करने की अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में धान की मिलिंग में समस्या आएगी। साथ ही राज्य के 416 उसना मिल और वहां काम करने वाले कर्मचारियों के सामने संकट पैदा हो जाएगा। यही वजह है कि राज्य सरकार पहले की ही तरह दोनों तरह का चावल लेने का आग्रह कर रही है।

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