बदले गए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), सीएम की नाराजगी का असर

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा श्री अशोक जुनेजा, भापुसे (1989) को पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ का कार्यभार सौंपा गया है।

रायपुर- सूबे में भूपेश सरकार के काबिज होने के बाद से डीजीपी की जिम्मेदारी संभाल रहे डी एम अवस्थी को हटा दिया गया है. उनकी जगह सीनियर आईपीएस अधिकारी अशोक जुनेजा राज्य के नए डीजीपी बनाए गए हैं. अब तक वह डीजी (नक्सल ऑपरेशन) की कमान संभाल रहे थे. सूत्र बताते हैं कि मंगलवार को गृह विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस महकमे के कामकाज को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी. उनका गुस्सा डीजीपी डी एम अवस्थी पर फूटा था. नाराजगी का आलम यह रहा कि बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने डीजीपी बदलने का फरमान सुना दिया. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से हर कोई हतप्रभ नजर आया. बताते हैं कि फर्जी मामलों में जेलों में बंद आदिवासियों के प्रकरण की धीमी गति पर मुख्यमंत्री अवस्थी पर भड़क गए. हालांकि डीजीपी बदले जाने की सुगबुगाहट लंबे समय से चली आ रही थी. कोरोना काल के पहले भी यह चर्चा प्रबल थी, लेकिन तब परिस्थितियों को देखते हुए फैसला टाल दिया गया था. चर्चा तब भी उठी थी कि अशोक जुनेजा डीजीपी बनाए जा सकते हैं.

बता दें कि सरकार गठन के बाद 19 दिसंबर 2018 को डी एम अवस्थी को पुलिस महकमे की कमान सौंपी गई थी. कुछ वक्त बाद ही उन्हें बदले जाने की चर्चाएं शुरू हो गई थी, लेकिन तब दो साल से पहले डीजीपी को नहीं हटाए जाने वाली सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन सरकार के लिए अड़चन बन गई थी. हालांकि सरकार के पास दूसरे विकल्प भी थे, लेकिन तब अवस्थी पर भरोसा जताते हुए बहाली बरकरार रखी गई थी. डी एम अवस्थी का रिटायरमेंट 2023 में है. उनके पास अभी लंबा वक्त है. राज्य गठन के बाद यह पहला मौका है, जब किसी डीजीपी को रिटायरमेंट के पहले ही पद से हटाया गया.

1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक जुनेजा सरल, सहज और गंभीरता से अपने काम के लिए पहचाने जाते हैं. सेंट्रल डेपुटेशन पर भी काम करने का अच्छा खासा तर्जुबा उनके हिस्से हैं, जाहिर है, इसका फायदा राज्य पुलिस को मिलेगा. पिछली सरकार के आखिरी वक्त में इंटेलीजेंस चीफ के रूप में भी काम संभाल चुके हैं. जुनेजा रायगढ़ में एडिशनल एसपी के रूप में सेवा दे चुके हैं. बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में एसपी के रूप में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. गृह सचिव के रूप में भी उन्होंने कार्यभार संभाला है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, खेल संचालक की हैसियत से भी जुनेजा काम कर चुके हैं. पुलिस मुख्यालय में रहते हुए उन्होंने सशस्त्र बल, एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग जैसी जिम्मेदारी निभाई है. सेंट्रल डेपुटेशन के दौरान जुनेजा नारकोटिक्स में काम कर चुके हैं. साथ ही काॅमनवेल्थ गेम्स के दौरान उन्होंने सुरक्षा प्रमुख की बड़ी जिम्मेदारी संभाली है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग में जुनेजा बतौर एसपी और आईजी काम कर चुके हैं, जाहिर है, पुराना परिचय रहा है. मुख्यमंत्री जुनेजा की कार्यशैली से वाकिफ भी हैं. सूबे में सरकार किसी भी रही हो, जुनेजा पर किसी का ठप्पा नहीं लगा. जोगी सरकार, रमन सरकार और अब भूपेश सरकार में भी उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां दी जाती रही है।