बढ़ते वायु प्रदूषण से निमोनिया का शिकार हो रहे हैं लोग, एन-95 मास्क लगाने की सलाह दे रहे डॉक्टर..

दिल्ली एनसीआर समेत आसपास के कई राज्यों में वायु प्रदूषण (Air Pollution)  का स्तर काफी बढ़ा हुआ है. प्रदूषित हवा (Polluted Air) में सांस लेने से लोगों को कई प्रकार की परेशानियां हो रही हैं. अस्पतालों की ओपीडी में सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ गई है. लोगों को लगातार खांसी आना, सांस फूलना के साथ अब निमोनिया (Pneumonia) की शिकायत भी हो रही है. ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है.

गुरुग्राम के मैक्स अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ निदेशक डॉक्टर आशुतोष शुक्ला ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में सांस लेने में परेशानी वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जांच करने पर कुछ मरीजों में निमोनिया मिल रहा है. लंग्स (Lungs) में हुए इंफेक्शन की वजह से यह हो रहा है. इसका शुरुआती लक्षण सांस लेने में तकलीफ के साथ खांसी आना होता है. अगर खांसी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और इसके साथ कफ भी आ रहा है तो डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए. क्योंकि निमोनिया अगर जल्द पकड़ में नहीं आता है तो यह मरीज के लिए घातक साबित हो सकता है.

20 फीसदी मरीजों में निमोनिया के लक्षण

दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि जो मरीज अस्पताल में आ रहे हैं. उनमें से करीब 20 फीसदी में निमोनिया के लक्षण दिख रहे हैं. इन मरीजों को सांस लेने में परेशाानी हो रही है और लगातर खांसी आ रही है. सबसे ज्यादा समस्या अस्थमा के मरीजों को हो रही है. उन्हें अस्थमा (Asthma)  का अटैक पड़ रहा है. इन मरीजों को सलाह दी जाती है कि वह हमेशा अपने पास एक इन्हेलर रखें और बिना वजह घर से बाहर निकलने से बचें. फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर अवि कुमार का कहना है कि हर साल इस मौसम में सांस की बीमारियों के मरीज बढ़ते हैं. इस बार भी केस तेजी से बढ़ रहे हैं. लोगों में सीओपीडी और ब्रोंकाइटिस की समस्या देखी जा रही है. बढते प्रदूषण से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग एन-95 मास्क लगाएं और सुबह व शाम के समय सैर न करें.

वैक्सीन लगवाना जरूरी

डॉक्टर आशुतोष का कहना है कि निमोनिया हो या फेफड़ों से जुड़ा कोई भी संक्रमण है तो इससे बचाव के लिए फ्लू वैक्सीन लगवानी चाहिए. यह वैक्सीन सांस संबंधी परेशानियों को कम करती है. इससे यह समस्याएं काबू में भी रहती हैं. वैक्सीन सभी अस्पतालों में उपलब्ध रहती है. डॉक्टरों की सलाह पर इसे ले सकते हैं.