रायपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत 19 नवंबर को छत्तीसगढ़ प्रवास पर आ रहे हैं। मुंगेली जिले के मदकूद्वीप में भागवत का प्रवास होगा। इसकी तैयारी को लेकर संघ कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में सांसद, विधायक और संघ के पदाधिकारी शामिल हुए। मतांतरण के मुद्दे को लेकर संघ आक्रामक है। ऐसे में भागवत के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है।
संघ कार्यालय जागृति मंडल में संघ पदाधिकारियों और भाजपा नेताओं की बैठक में भागवत के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि सरसंघचालक भागवत 19 नवंबर को रायपुर से सड़क मार्ग से मदकूद्वीप पहुंचेंगे।मदकूद्वीप प्रवास के दौरान मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद विश्राम करेंगे। समाज प्रमुखों के बीच बैठकर भोजन करेंगे। इसके बाद तीन जिलों के आरएसएस के पदाधिकारियों और स्वयंसेवकों की बैठक लेंगे। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि भागवत संगठनात्मक कामकाज को लेकर चर्चा करेंगे।
संघ के पदाधिकारियों से चर्चा के बाद विभिन्न समाज प्रमुखों, स्वयंसेवकों और ग्रामीणों को संबोधित भी करेंगे। छत्तीगसढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले भागवत के दौरे के राजनीतिक मायने भी तलाशे जा रहे हैं। भाजपा के आला नेताओं की मानें तो आदिवासी क्षेत्र में जनता के बीच मजबूत उपस्थिति को लेकर भागवत दिशा निर्देश देंगे। संघ में सक्रिय आदिवासी नेताओं को भाजपा के अलग-अलग मोर्चा और प्रकोष्ठ में जिम्मेदारी दी जा रही है।
संघ की कोशिश है कि बस्तर और सरगुजा में ग्राउंड लेवल पर काम करने वाले नेताओं को सक्रिय राजनीति में अवसर दिया जाए। इन नेताओं की एक पूरी टीम को भाजपा ने आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।
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