Chhath 2021: घाटों पर भीड़ ने तोड़ा रिकॉर्ड! 550 घाटों पर कहीं नहीं नजर आया कोविड गाइडलाइंस का पालन, 100 करोड़ का फल कारोबार हुआ

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा अभी टला नहीं है ऐसे में त्योहारों के लिए भले ही छूट मिली है लेकिन कोविड गाइडलाइंस के पालन को अनिवार्य बनाया गया है. हालांकि बिहार (Bihar News) के ज्यादातर इलाकों और खासकर पटना शहर में छठ पर्व (Chhath 2021) के दौरान कहीं भी कोविड गाइडलाइंस का गंभीरता से पालन नज़र नहीं आया. पटना शहर के 96 और जिले के कुल 550 घाटों में कहीं भी सख्ती नज़र नहीं आई और मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बिना ही लोग त्यौहार मनाते नज़र आए. पटना में इस साल भीड़ ने रिकॉर्ड तोड़ा लेकिन प्रशासन गाइडलाइंस का पालन करवाने में नाकाम रहा.

पटना में कोविड गाइडलाइंस का पालन महज औपचारिकता ही रही और घाटों पर भीड़ मैनेजमेंट के लिए कोई प्लान नज़र नहीं आया. पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के साथ पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने हर बैठक में कोरोना को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को बड़ा टास्क दिया था लेकिन इसका इम्प्लीमेंटेशन कहीं भी नज़र नहीं आया. छठ पूजा के दौरान कोरोना मॉनिटरिंग के लिए अलग से बनाई गई टीम भी कहीं नज़र नहीं आई. पुलिस भी त्योहार के मद्देनज़र सख्ती बरतने से बचती नज़र आई और बिना मास्क 50 रुपए का चालान काटने जैसे आदेशों का पालन नहीं हो पाया.

पटना के सभी घाटों पर भारी भीड़ नज़र आई

पटना जिले में कुल 550 घाटों पर छठ व्रतियों ने उपासना की. पटना सदर में कुल 51 घाट बनाए गए थे, इसमें 30 नदी और 21 तालाब पर रहे. पटना सिटी में कुल 89 घाट बनाए गए थे. इसमें 85 नदी पर और 4 तालाब पर बनाए गए. उधर दानापुर में 71 घाट बनाए गए थे, इसमें 38 नदी और 29 तालाब के साथ 4 नहर पर बनाए गए थे. पटना जिले में कुल 417 नदी में और 110 तालाब में और 23 नहर के पास घाट बनाए गए थे, लेकिन कहीं भी कोरोना की गाइडलाइन का पालन होते नही देखा गया. पटना में 96 घाटों पर तो कहीं भी ऐसा नहीं दिखा जहां अफसर सख्त दिखे हों और आम जनता कोरोना को लेकर जागरुक रही हो.

रात भर घाटों पर ही रहे व्रती

लोकआस्था के महापर्व छठ को लेकर पूरे राज्य में उत्साह चरम पर रहा. छठव्रतियों और श्रद्धालुओं ने गुरुवार को उदीयमान भगवान भास्‍कर को अर्घ्य दिया. इसके साथ ही चार दिनों तक चलने वाला सूर्योपासना का पर्व छठ संपन्न हो गया. भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पटना सहित अन्य जिलों के सभी घाटों पर अल सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. वहीं, कई घाटों पर रात में भी व्रती रुके रहे.

महंगाई के बावजूद लोगों में दिखा उत्साह

छठ के दौरान इस बार महंगाई से लोग परेशान जरूर दिखे लेकिन फिर भी बाजार गुलजार ही नज़र आए. फल और पूजा सामाग्रियों के कारोबारियों का कहना है कि इस बार उम्मीद से अधिक कारोबार हुआ है. थोक से लेकर खुदरा विक्रेताओं ने उम्मीद से अधिक का कारोबार किया है. पटना फ्रूट एंड वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद की माने तो कोरोना काल में मंडी का सन्नाटा छठ से दूर हुआ है. छठ पर्व में फलों का कारोबार लगभग सौ से 110 करोड़ से ऊपर का रहा है. बाजार समिति में लगभग 1145 ट्रक फल आए हैं. बीते साल की तुलना में इस बार फल 40 से 50 फीसदी महंगे हुए हैं, इसके बाद भी बिक्री में कोई कमी नहीं आई है.

बाजार समिति के मुताबिक सेब, अनार, केला समेत अन्य फलों की मांग से अधिक मंगाया गया और डिमांड पूरी करने के लिए दोबारा ऑर्डर करना पड़ा. दो साल से 800 ट्रक फल बाजार समिति आया करता था, इस बार लगभग 1200 ,ट्रक आया है. उसमें भी डिमांड इतनी है कि 70 फीसदी फल की बिक्री सोमवार तक हो चुकी थी. मंगलवार को फिर से फल मंगाने पड़े. एसोसिएशन का कहना है कि बीते साल 8 लाख रुपए में एक ट्रक आता था, वह इस बार 15 लाख रु में आया है. बाजार में भीड़ हर दिन दिखी है और लोगों ने प्रसाद की खरीद में खुलकर पैसा लगाया है.

ज्वेलरी का कारोबार भी बढ़ा

छठ में इस बार ज्वेलरी के कारोबारियों की भी खूब चांदी रही. चांदी और सोने के सूप दो साल में नहीं बिके थे लेकिन इस बार इसका भी रिकॉर्ड टूटा है. ऑल इंडिया गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि दो साल में कोरोना ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी, लेकिन छठ मैया की कृपा रही कि इस बार जमकर बिक्री हुई है.

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