घातक वायरस से लड़ने के लिए भारत में अब तक कोरोनावायरस के टीके एकमात्र विकल्प हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि मध्यम से हल्के COVID-19 मामलों के इलाज के लिए एक ओरल एंटीवायरल दवा को जल्द ही आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिल जाएगी. कोविड स्ट्रैटजी ग्रुप, सीएसआईआर के अध्यक्ष डॉ राम विश्वकर्मा ने कहा कि मर्क की एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर (Molnupiravir) को आने वाले दिनों में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति मिल सकती है, उन्होंने कहा कि फाइजर की एक और गोली पैक्सलोविड (Paxlovid) में कुछ और समय लग सकता है.
उन्होंने दावा किया कि इन गोलियों से बहुत फर्क पड़ेगा. दवाओं को विज्ञान की तरफ से वायरस के ताबूत में अंतिम कील कहते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मोलनुपिरवीर हमारे लिए पहले से ही उपलब्ध होगी. पांच कंपनियां दवा निर्माता के साथ बैठी हैं और मुझे लगता है कि किसी भी दिन हमें मोलनुपिरवीर की मंजूरी मिल जाएगी.
शुरुआत में दो हजार से 4,000 के बीच होगी कीमत
उन्होंने कहा कि मोलनुपिरवीर का डेटा ब्रिटेन के रेगुलेटर की मंजूरी से पहले यहां रेगुलेटर के साथ बैठा रहा है. पहले से ही एसईसी इसे देख रहे हैं और मुझे लगता है कि वो अब तेजी से एप्रुवल प्राप्त करेंगे और इसलिए ये कहना सुरक्षित होगा कि अगले एक महीने के भीतर मर्क दवा के लिए एप्रुवल पर फैसला होगा. दवा की कीमत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत में इसकी कीमत 2000 रुपए से 4000 रुपए के बीच हो सकती है और बाद में कीमत 500 रुपए से 1000 रुपए तक कम हो सकती है.
यूरोपीय संघ की दवा एजेंसी ने भी मर्क की कोविड-19 इलाज की गोली की समीक्षा शुरू कर दी है ताकि वो 27 देशों के ब्लॉक में राष्ट्रीय दवा अधिकारियों को तेजी से सलाह दे सके जो आधिकारिक मंजूरी मिलने से पहले इसका उपयोग शुरू करना चाहते हैं. वर्तमान में ज्यादातर कोविड-19 इलाज के लिए IV या इंजेक्शन की आवश्यकता होती है. मर्क की COVID-19 गोली पहले से ही अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से मजबूत प्रारंभिक परिणाम दिखाने के बाद समीक्षा के अधीन है. गुरुवार को ब्रिटेन इसे ओके करने वाला पहला देश बन गया. यूके में 18 साल और उससे अधिक उम्र के वयस्कों के लिए गोली को मंजूरी दी गई थी. हल्के से मध्यम कोविड-19 के मरीज दवा की चार गोलियां दिन में दो बार पांच दिनों तक लेंगे.
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