बिलासपुर में एक साथ 50 हजार व्रती देंगे अर्ध्य, कोरोना के बाद पहली बार आयोजन को लेकर खासा उत्साह

कोरोना की त्रासदी के बाद पहली बार दीपोत्सव का उत्साह नजर आया। इसके बाद अब पूरे देश में छठ पूजा की तैयारी चल रही है। ऐसे में बिलासपुर के अरपा नदी स्थित छठ घाट की चर्चा पूरे देश में की जाती है। यहां एक साथ 50 हजार व्रती अर्ध्य देने पहुंचते हैं। इसके लिए हर साल जोरदार आयोजन भी किया जाता है। बताया जाता है कि अरपा का यह छठ घाट देश का सबसे बड़ा और स्थाई घाट है। छठ पर्व मनाने के लिए समिति के साथ ही प्रशासन की तैयारी अंतिम दौर पर है।

मुख्यत: पूवोत्तर राज्यों में उत्तरप्रदेश के साथ ही बिहार और झारखंड में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन, अब इसे छत्तीसगढ़ में भी काफी उत्साह के साथ मनाए जाने लगा है। शहर के सरकंडा व तोरवा पुल के पास बनाए गए घाट में छठ पर्व मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। यहां उत्सव का माहौल नजर आता है और आयोजन के दौरान मेले सा दृष्य दिखाई देता है। यह सामूहिक आयोजन पाटली पुत्र संस्कृति विकास मंच के साथ जिला प्रशासन की देखरेख में होता है। समिति के पदाधिकारी बताते हैं कि छठ पूजा के लिए बिहार में सैकड़ों घाट हैं। सिर्फ पटना में ही 82 घाट हैं। लेकिन सभी घाटों का क्षेत्रफल 100 से 200 मीटर है। जबकि तोरवा स्थित छठ घाट करीब 8 एकड़ में फैला हुआ है।

घाट में नगर निगम ने करीब एक किलोमीटर में पूजा व अर्ध्य देने के लिए सीढियां (पचरी) का निर्माण कराया है। लिहाजा, एक साथ 50 हजार व्रर्ती एक साथ यहां अर्ध्य दे सकते हैं। राज्य बनने के बाद से यहां छठ पूजा का सामूहिक आयोजन हो रहा है। कोरोना काल के दौरान प्रशासन ने सामूहिक आयोजन की अनुमति नहीं दी थी। इसके चलते दो साल से वृहद आयोजन पर विराम लग गया था। हालांकि, बीते साल जिला प्रशासन ने अंतिम वक्त पर आयोजन समिति को गाइडलाइन के तहत पूजा व अर्ध्य देने की अनुमति दी थी। लेकिन, समय की कमी के चलते सामूहिक आयोजन नहीं हो सका था। इस बार गणेशोत्सव के साथ ही नवरात्रि व दशहरा व दीपावली पर्व में प्रशासन ने छूट दी है। छठ पूजा आयोजन समिति को भी सामूहिक आयोजन की अनुमति मिल गई है और इसकी तैयारी भी जोरदार चल रही है।

मुंबई में है अस्थाई बड़ा घाट


आयोजन समिति के पदाधिकारी बताते हैं कि छठ पूजा स्थल के लिए मुंबई का जुहू स्थित चौपाटी घाट को सबसे बड़ा घाट माना जाता है। लेकिन यह स्थाई नहीं है। तोरवा छठ घाट स्थाई है, जहां स्थाई रूप से लाइटिंग, पार्किंग स्थल, सामुदायिक भवन, गार्डन के साथ ही समीप में पुलिस चौकी है।

पूजा के लिए छठ घाट तैयार, CCTV कैमरे से रखी जाएगी नजर


पाटली पुत्र विकास मंच ने छठ पूजा के लिए आयोजन समिति का गठन किया है। समिति के संरक्षक आरपी सिंह ने बताया कि छठ पर्व पर साल भर में एक बार तोरवा पुल का रंगरोगन समिति द्वारा कराया जाता है। समिति की तैयारी एक सप्ताह से चल रही है। कोरोना काल के बाद पहली बार सामूहिक आयोजन होने के कारण छठ व्रतियों में खासा उत्साह है। यही वजह है कि इस बार अरपा नदी की साफ-सफाई समिति की देखरेख में हुई है। व्रतियों की सुरक्षा के लिए पानी में बैरीकेडिंग भी की गई है। पार्किंग स्थल के साथ ही मंच व्यवस्था व लाइटिंग का काम भी पूरा हो गया है। आयोजन के लिए घाट तैयार है और समिति की तैयारी भी अंतिम दौर पर है। पुलिस अफसरों ने इस बार सुरक्षा के लिहाज से परिसर में CCTV कैमरों की व्यवस्था करने को कहा है। जिससे सुरक्षा में आसानी होगी।

प्रशासन ने ली समिति पदाधिकारियों की बैठक


तोरवा में छठ पूजा आयोजन समिति के पदाधिकारियों के साथ जिला प्रशासन के अफसरों ने शनिवार को बैठक की। इसमें नगर निगम आयुक्त अजय त्रिपाठी, एसडीएम बिलासपुर पुलक भट्टाचार्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कश्यप के साथ ही अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में समिति के अध्यक्ष प्रवीण झा ने प्रत्येक वर्ष नगर निगम, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, विद्युत मण्डल, नगर सेना, स्वास्थ्य विभाग, जल संसाधन विभाग द्बारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान अफसरों ने परिसर का निरीक्षण भी किया और टीम को आवश्यक दिशानिर्देश भी दिए।

आयोजन में अनावश्यक लोगों की भीड़ न हो


एसडीएम पुलक भट्टाचार्य ने समिति के सदस्यों को कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयोजन में अनावश्यक लोगों की भीड़ ना हो, उत्सव, मेला या दुकानों की अनुमति ना दी जाए। उन्होंने नगर सेना की ओर से फायर बिग्रेड एवं जीवनरक्षक गार्ड (गोताखोर) व टीम तैनात रखने की बात कही। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग की ओर से मोबाइल मेडिकल यूनिट, डॉक्टर एवं स्टॉफ की ड्यूटी लगाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग को गुरूनानक चौक से लेकर छठ घाट पुल तक सड़क मरम्मत का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

8 नवंबर को नहाए खाय से शुरू होगा पर्व


इस बार छठ पर्व 10 नवंबर को मनाया जाएगा। यह सबसे कठिन व्रत में से एक है। इस दौरान महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखती हैं। पर्व में छठी मइया व सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है। चार दिनों तक मनाए जाने वाले इस पर्व की शुरूआत इस बार 8 नवंबर को नहाए खाय से होगी। 9 नवंबर को खरना और 10 नवंबर की शाम डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर 36 घंटे तक व्रत रखा जाएगा। इसके बाद 11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्ध्य देकर पर्व का समापन होगा और व्रत की पारणा की जाएगी।