एक और NEET के छात्र ने की आत्महत्या, परीक्षा में कम नंबर आने की वजह से पीया कीटनाशक…

तमिलनाडु 06 नवंबर (वेदांत समाचार) | राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में कम अंक हासिल करने से निराश एक 20 वर्षीय मेडिकल उम्मीदवार ने कथित तौर पर सलेम जिले में आत्महत्या कर ली. यह जानकारी पुलिस ने दी है. जिले के वडागुमरई के निवासी सुभाषचंद्र बोस ने एनईईटी परीक्षा दी थी, जिसके परिणाम चार दिन पहले घोषित किए गए. इस परीक्षा में उसे कम अंक प्राप्त हुए थे. प्रवेश परीक्षा को पास करने में असमर्थता से निराश छात्र ने कथित तौर पर 2 नवंबर को कीटनाशकों का सेवन कर लिया

छात्र के माता-पिता ने उसे शुक्रवार की रात बिस्तर पर तड़पते देखा, जिसके बाद उसे अथुर के सरकारी अस्पताल ले गए, जहां बताया गया कि उसकी हालत गंभीर है. सरकारी अस्पताल ने इलाज के लिए सलेम के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. बोस ने शनिवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे दम तोड़ दिया. उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सलेम के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां बड़ी संख्या में परिजन जमा हो गए, जिससे तनाव का माहौल बन गया. इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करने के साथ ही अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता के. पलानीस्वामी ने मृतक के परिजनों के प्रति संवेदना जताई. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस तरह का ‘गलत’ कदम न उठाएं.

इससे पहले 30 अक्टूबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर में नीट के परिणाम को लेकर चिंतित 20 वर्षीय एक मेडिकल अभ्यर्थी ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. कोयंबटूर के संगरायपुरम में रहने वाले के. कीर्तिवासन नामक युवक ने सितंबर में हुई इस प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिया था, जिसका परिणाम कुछ ही दिनों में आने वाला था. यह उसका तीसरा प्रयास था और वह अपने परिणाम को लेकर बहुत ही चिंतित था. कीर्तिवासन ने 2019 और 2020 में भी नीट की परीक्षा दी थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सका था. देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट की परीक्षा में वह तीसरी बार बैठा था.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा परीक्षा की उत्तर कुंजी प्रकाशित करने के बाद से ही युवक परेशान था और उसने अपने माता-पिता से कहा कि वह इस साल भी परीक्षा पास नहीं कर पाएगा. उसके माता-पिता ने उसे परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा करने की सलाह दी थी, लेकिन इसके बावजूद कीर्तिवासन ने कथित तौर परन कीटनाशक खा लिया, जिसके बाद उसे पोलाची के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पोलाची अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे सरकारी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी, जहां उसकी मौत हो गई थीय.

तमिलनाडु सरकार ने शुरू किया टोल फ्री नंबर

इससे पहले 15 सितंबर को वेल्लोर जिले में रहने वाली व एमबीबीएस की पढ़ाई करने की इच्छुक 17 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. छात्रा को डर था कि वह राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) उत्तीर्ण नहीं कर पाएगी. इसके साथ ही राज्य में गत चार दिन में नीट के तनाव से आत्महत्या करने वाले उम्मीदवारों की संख्या तीन हो गई थी. 12 सितंबर को सबसे पहले धनुष नामक उम्मीदवार ने आत्महत्या की थी जिस दिन राष्ट्रीय स्तर की यह परीक्षा हुई थी. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन विद्यार्थी समुदाय से अपील की थी कि वे ऐसे कदम नहीं उठाएं. इसके बाद सरकार ने चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश को इच्छुक और नीट देने वाले विद्यार्थियों को परामर्श देने के लिए समर्पित टोल फ्री नंबर 104 की शुरुआत की.

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