भारत में साल 2020 में चौंकाने वाले हैं आंकड़े कोरोना से हुई मौतों से ज्यादा लोगों ने किया सुसाइड,

नई दिल्ली 3 नवम्बर ( वेदांत समाचार ): अच्छे स्वास्थ्य का अर्थ सिर्फ स्वस्थ शरीर नहीं है, इसमें अच्छा मानसिक स्वास्थ्य भी शामिल है. कोरोना वायरस महामारी के दौर में वो लोग हर जंग आसानी से जीत जाते हैं, जो अपने मन को मजबूत बनाना जानते हैं लेकिन जिनका मन कमजोर होता है. वो या तो थक जाते हैं या फिर हार मान लेते हैं.

कोरोना से ज्यादा आत्महत्या की वजह से हुई मौत

उदाहरण के लिए पिछले साल भारत में जितनी मौतें कोरोना वायरस की वजह से नहीं हुई, उससे ज्यादा मौतें आत्महत्याओं की वजह से हुई. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नए आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में भारत में 1 लाख 53 हजार लोगों ने आत्महत्या की थी, जबकि 2020 में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1 लाख 49 हजार थी. पिछले वर्ष भारत में जितनी आत्महत्याएं हुई वो पिछले 10 वर्षों के मुकाबले सबसे ज्यादा है.

मजदूरों ने की सबसे ज्यादा आत्महत्या

आत्महत्या करने वालों में पहले नंबर पर मजदूर थे, जिनका जीवन लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. पिछले वर्ष 37 हजार 666 मजदूरों ने आत्महत्या की थी. आत्महत्या करने वालों में दूसरे नंबर पर वो लोग थे, जिन्हें पहले से कोई ना कोई गंभीर बीमारी थी, ऐसे लोगों की संख्या 27 हजार से ज्यादा थी.

महिलाओं के मुकाबले पुरुषों ने ज्यादा की आत्महत्या

आत्महत्या करने वाले लोगों में 71 प्रतिशत पुरुष थे यानी पिछले साल महिलाओं के मुकाबले ज्यादा पुरुषों ने आत्महत्या की, लेकिन जिन महिलाओं ने आत्महत्या की उनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं वो थी जो घर संभालती थी यानी जो कामकाजी नहीं थीं. अपनी जान लेने वालों में साढ़े 12 हजार छात्र और 10 हजार किसान भी थे.

बेरोजगारों से ज्यादा बिजनेस या नौकरी करने वालों ने की आत्महत्या

हैरानी की बात ये है कि पिछले साल आत्महत्या करने वालों में बेरोजगारों से ज्यादा संख्या ऐसे लोगों की थी, जो या तो खुद का कोई काम करते थे या फिर नौकरियां करते थे. इसके अलावा कई सेलिब्रिटीज ने भी पिछले साल आत्महत्या की, जिनमें सबसे बड़ा नाम अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का था, इसके अलावा भी कई अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने पिछले वर्ष आत्महत्या की.

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