छत्तीसगढ़ 24 अक्टूबर ( वेदांत समाचार ) छत्तीसगढ़ में 2019 से चल रही सहायक प्राध्यापक (असिस्टेंट प्रोफेसर) भर्ती प्रक्रिया अब भी अटकी हुई है। लंबे समय तक लटके रहने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे जल्द पूरा करने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरा करने का निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित परीक्षा में चयनित 1 हजार 384 युवा नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। लंबे समय तक मामला अटका रहा तो इन लोगों ने रायपुर में प्रदर्शन किया। शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे सहायक प्राध्यापक परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को पुलिस सत्यापन (वेरिफिकेशन) पूर्ण न हो पाने के कारण कुछ लोगों को नियुक्ति न मिल पाने की जानकारी मिली है। मैंने विभागीय अधिकारियों को शीघ्र सत्यापन प्रक्रिया पूर्ण कर नियुक्ति कराने के निर्देश दिए हैं।’
मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया पोस्ट पर कमेंट करते हुए उमाशंकर साहू ने लिखा, अभी तक सभी भर्ती प्रक्रियाओं में पुलिस वेरिफिकेशन पोस्टिंग के बाद साथ-साथ चलता चलते आया है। फिर हम चयनित सहायक प्राध्यापकों के साथ अलग-अलग नियम क्यों। अभी तक केवल दो विषयों में पोस्टिंग दी गई है। उनमें भी चयनितों की संख्या बेहद कम थी। डॉ. विनोद साहू और हरी कुर्रे ने लिखा, इस प्रक्रिया में अभी तक केवल दो लोगों को ही पोस्टिंग मिल पाई है। शेष एक हजार 382 लोग अभी भी पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं।
बार-बार विज्ञापन बदलने से भी अटका मामला
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने जनवरी 2019 में सहायक प्राध्यापक के 1 हजार 384 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया। इसमें राज्य के मूल निवासियों के लिए 40 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई थी। बाद में संशोधन जारी कर आरक्षित वर्गों के लिए आयु सीमा में छूट का प्रावधान किया गया। फरवरी में विज्ञापन फिर बदला। इस बार नि:शक्तों के लिए आयु सीमा में छूट का प्रावधान था। सितम्बर में फिर बदलाव हुआ। इस बीच राज्य पात्रता परीक्षा पास युवाओं ने हाईकोर्ट से उन्हें भी शामिल करने का आदेश ले लिया। इस पूरी प्रक्रिया को भी अदालत में चुनौती मिल गई।
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