धमतरी 20 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । कृषि उपज मंडी धमतरी में नए धान की आवक शुरू हो गई है, जो प्रति क्विंटल 1500 रुपये बिक रहा है। पिछले तीन-चार दिनों से मंडी बंद होने से किसानों की दिक्कत बढ़ गई है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू नहीं होने से किसानों को मजबूरी में धान बेचना पड़ रहा है। किसानों ने शासन से शीघ्र ही समर्थन मूल्य पर धान बेचने की तिथि घोषित करने की मांग की है, ताकि समय पर रुपये की व्यवस्था हो सके और आसानी से दीवाली पर्व मना सके।
दशहरा पर्व मनाने के बाद अंचल में खरीफ सीजन धान फसल की कटाई मिंजाई द्रुतगति से शुरू हो गई है। किसान-मजदूर कटाई मिंजाई में व्यस्त हैं। मिंजाई के बाद उत्पादित धान को किसान बेचने के लिए मंडी ला रहे हैं, लेकिन मंडी में उन्हें संतोषजनक दाम नहीं मिल रहे हैं। ग्राम उसरवारा के किसान छन्नू राम साहू, रामकुमार साहू, शैलेंद्र सिंह और भोथली के बाबूलाल साहू ने बताया कि पिछले दिनों उनके नए धान को पंद्रह 1500 रुपये क्विंटल में खरीदा गया, जो कि बहुत ही कम है।
किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू नहीं होने के कारण उन्हें मजबूरी में मंडी में धान बेचने के लिए लाना पड़ रहा है। किसानों की समस्याओं को देखते हुए शासन शीघ्र ही समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तिथि की घोषणा करें, ताकि किसान उत्पादित धान को समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों में जाकर सीधे बेच सकें।
धान रखने की बढ़ी परेशानी
धान मिंजाई के बाद उत्पादित धान को रखने के लिए अब किसानों की समस्या बढ़ गई है। धान को सुखाने के लिए फिलहाल वे अपने आंगन और गलियों का उपयोग कर रहे हैं। इसके बाद धान को रखने की समस्या बनी हुई है, क्योंकि घरों में धान रखने के लिए कोठियां नहीं हैं। घरों में धान रखने अलग से कमरा नहीं है। ऐसे में किसान अपने उत्पादित धान को कहां रखे, यह समझ में नहीं आ रहा है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होती हैं, तो किसान अपने उत्पादित धान को खलिहान से ही बिक्री के लिए खरीदी केंद्र ले जाएंगे।
धान पर मंडराने लगा खतरा
पिछले तीन-चार दिनों से खराब मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। यदि बारिश होती है, तो किसानों के धान पूरी तरह से भीग जाएगा और उन्हें घाटे का सौदा करना पड़ सकता है। समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री शुरू नहीं होने से गांवों मर कोचिया भी सक्रिय हैं। कोचिया 1300 से 1400 रुपये में किसानों के उत्पादित धान को खरीदी के लिए मांग रहे हैं। ऐसे में किसान बुरी तरह से फंसे हुए हैं। नवंबर माह शुरू होते ही दिवाली का पर्व शुरू हो जाएगा। जबकि किसानों के हाथ फिलहाल खाली हैं।
पहले से रखे रुपये को कटाई मिंजाई व मजदूरों को देने में खर्च कर चुके हैं। अब समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू नहीं होने से किसानों के हाथ खाली है। दीवाली त्योहार मनाने के लिए उनके पास रुपये की कमी है। राज्य सरकार यदि शीघ्र ही समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करता है, तो किसानों के हाथ में दीवाली त्यौहार तक रुपए आ जाएंगे और बेहतर ढंग से दिवाली का पर्व मना सकेंगे।
प्रभारी मंडी सचिव संजीव वाहिले का कहना है कि मंडी में नया धान की आवक शुरू हो गई है। पिछले दिनों 85 कट्टा धान 1500 रुपये क्विंटल में खरीदा गया है।कटाई मिंजाई शुरू होने के साथ अब मंडी में नए धान की आवक तेजी से होने लगा है। कई क्विंटल नया धान मंडी में बिक्री के लिए आया है।पिछले तीन-चार दिनों से मंडी बंद होने के कारण खरीदी प्रभावित है। गुरुवार से खरीदी शुरू हो जाएगी।
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