बिलासपुर – छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले के सकरी तहसील के अंतर्गत स्थित ग्राम घुटकू के मां महामाया मंदिर में आज शरद महोत्सव मनाया जावेगा। ज्ञात सूत्रों के अनुसार आदि शक्ति सेवा संस्थान घुटकू के तत्वाधान में पुर्व वर्षाे के अनुसार शरद महोत्सव मनाया जाता रहा है जिसमें रात्रिकालीन अवधि पर मां महामाया मंदिर प्रांगण में विभिन्न क्षेत्रों से आये मानस मंडली / कीर्तन मंडली द्वारा कीर्तन जगराता का किया जाता है। मां महामाया मंदिर घुटकू के अध्यक्ष श्री विजय कुमार देवांगन के नेतृत्व में समस्त कीर्तन मंडलियों को आमंत्रण पत्र निर्धारित समय के पूर्व भेजा जा चुका है। मंदिर मुख्य पुजारी श्री अंकित गौरहा जी द्वारा बताया गया कि शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का खास दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी रात में भम्रण पर निकलती है।
शरद पूर्णिमा के दिन फल और जल का सेवन करके व्रत रखा जा सकता है। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। इस दिन काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। सफेद रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन व्रत कथा अवश्य सुननी चाहिए।इस दिन ही आसमान से अमृत वर्षा होती है। लोग अपने घरों की छतों पर या खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर छलनी से ढक देते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस रात चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और आसमान से औषधीय गुणों से युक्त अमृत वर्षा होती है। उसी बूंदें उस खीर में पड़ती हैंए तो वह खीर भी औषधीय गुणों वाला हो जाता है। शरद पूर्णिमा के दूसरे दिवस को ब्रम्हमूहुर्त में मां महामाया की प्रातः कालीन आरती होगी तत्पश्चात् महाप्रसाद का वितरण किया जावेगा। उक्त जानकारी मां महामाया मंदिर के सेवक भोजराज पटेल द्वारा दी गई।
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