कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला में आज विजयादशमी का पर्व तो मनाया जाएगा, लेकिन पुरानी परंपराओं के निर्वहन पर इस बार रोक लगा दी गई है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक इस बार कवर्धा में शाही सवारी नहीं निकाली जाएगी। वहीं रावण दहन के दौरान किसी तरह की आतिशबाजी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यहां तक कि रावण के पुतले में भी पटाखे नहीं लगाए जाएंगे। प्रशासन ने इस मामले को लेकर बेहद ही सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है।
कवर्धा में आज पुलिस की चाक—चौबंद व्यवस्था के बीच विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा, लेकिन उत्सव पूरी तरह से फीका रहने वाला है। बीते दो सालों से जहां कोरोना की वजह से विजयादशमी पर्व मनाए जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ था, तो इस बार कवर्धा में बीते दिनों हुए दो समुदायों के बीच की झड़प ने कवर्धा के लोगों के उत्साह पर पानी फेर दिया है।
क्यों नहीं दी जा रही अनुमति
उल्लेखनीय है कि कवर्धा में बीते दिनों दो गुटों के बीच धार्मिक ध्वज को लेकर विवाद हो गया था। यह विवाद इतना बढ़ गया कि इसमें सांप्रदायिकता का जहर घुल गया, उसके बाद राजनीतिक हस्तक्षेप ने इस विवाद को और भी बड़ा बना दिया। विवाद की वजह से जिला प्रशासन ने तत्काल कर्फ्यू लागू कर दिया था। कुछ ढ़ील के साथ कवर्धा जिला मुख्यालय में आज भी कर्फ्यू जारी है, जिसके चलते उत्सव पर ग्रहण लग गया है।
अप्रिय वारदात की आशंका
विजयादशर्मी पर्व की आड़ में एक बार फिर सांप्रदायिक विवाद खड़े होने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए प्रतिबंध लगा दिया है। उत्सव में खुली छूट दिए जाने की सूरत में अप्रिय वारदात की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जाना बताया जा रहा है।
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