सरपंच,सचिव कारनामा… कोरोना संकट काल मे 15 अगस्त, 26 जनवरी पर कर दिया 95 हजार खर्च

कोरबा/पाली 12 अक्टूबर ( वेदांत समाचार )।:- आपदा काल को अवसर में बदल मूलभूत एवं चौदहवें वित्त मद की राशि का मनमाने ढंग से क्वारन्टीन सेंटर में प्रवासी मजदूरों हेतु राशन एवं अन्य सामाग्री सहित मजदूरों व ग्रामीणों को सेनिटाइजर, मास्क वितरण के नाम पर बेहिसाब खर्च बताने वाले सपलवा सरपंच खुशबू सिंह व सचिव शिवराम निषाद का एक और कारनामा सामने आया है। जिसमे कोरोना संकट काल के दौरान स्कूल बंद रहने व किसी भी प्रकार के कार्यक्रम, आयोजनों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद भी राष्ट्रीय पर्व में 95 हजार की राशि खर्च किया गया।

जहाँ बीते वर्ष में सभी ओर कोरोना संकट को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ था उसी दौरान 2020 में 15 अगस्त पर मूलभूत से 25 हजार खर्च किया गया, जबकि 15वे वित्त मद से राष्ट्रीय पर्व पर खर्च के नाम से 75 हजार की राशि आहरित की गई है। जिसका खुलासा जियोटैग से हुआ है। जिसे लेकर यहां के ग्रामीणों का कहना है कि बीते व वर्तमान वर्ष में राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी या 15 अगस्त में पंचायत अथवा स्कूलों में किसी प्रकार का कोई भी आयोजन नही हुआ है,

फिर इतनी बड़ी राशि सरपंच- सचिव द्वारा आखिर किस बात की निकाली गई यह समझ से परे है। यह बात अलग है कि राष्ट्रीय पर्व पर पंचायत भवन में मिठाई जरूर बांटी गई, किंतु पूरे गांव को तो नही बांटा गया जिसमे 95 हजार खर्च किया गया हो। ग्रामीणों के अनुसार सरपंच- सचिव द्वारा मूलभूत एवं चौदहवे वित्त की राशि का जमकर दुरुपयोग करते हुए बिना काम के फर्जी बिल के सहारे बंदरबांट किया जा रहा है। जिसका सही जांच होने पर लाखों का भ्रष्ट्राचार सामने आएगा। बता दें कि बीते कोरोना संकट के दौरान सरपंच- सचिव द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए बनाई गई क्वारन्टीन सेंटर के लिए राशन एवं अन्य

सामाग्री खरीदी सहित सेनिटाइजर, मास्क वितरण व साफ- सफाई के नाम पर भी मूलभूत, चौदहवे वित्त मद के पौने चार लाख की राशि बिना मापदंड के खर्च दर्शाया गया। ग्रामीणों ने जिस राशि का भी बमुश्कित आधा खर्च होना बताया था। संबंधित अधिकारियों के निष्क्रियता का ही दुष्परिणाम है कि ग्राम विकास के लिए आए मूलभूत एवं 14वे, 15वे वित्त मद की राशि का सरपंच- सचिव द्वारा मनमाने दोहन करते हुए खुद का विकास किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्र कार्यों की शिकायत कलेक्टर से करने की ठानी है।

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